खुलासा: नोटबंदी का फैसला लेने के 15 दिन बाद शुरू हुई 500 के नोटों की छपाई
आरटीआई के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड ने कहा है कि 2000 के नोटों की छपाई 22 अगस्त 2016 को शुरू हुई, जबकि 500 के नोटों की छपाई 23 नवंबर 2016 को शुरू हुई थी।
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक की सब्सिडियरी भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड ने 2000 रुपए के नोटों की छपाई नोटबंदी से करीब ढाई महीने पहले ही शुरू कर दी थी। इस बात का खुलासा हाल ही में एक आरटीआई के जरिए हुआ है। मध्य प्रदेश के नीमच जिले में रहने वाले चंद्रशेखर गौड़ ने कहा- मेरे द्वारा डाली गई आरटीआई के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड ने कहा है कि 2000 के नोटों की छपाई 22 अगस्त 2016 को शुरू हुई, जबकि 500 के नोटों की छपाई 23 नवंबर 2016 को शुरू हुई थी।
आरटीआई के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड ने कहा है कि पुराने 500 के नोटों की छपाई 27 अक्टूबर को बंद की गई, जबकि 1000 रुपए के नोटों की छपाई 28 जुलाई 2016 को ही बंद कर दी गई थी। यहां पर आरटीआई से मिले जवाब से यह बात साफ हो गई है कि आखिर नोटबंदी के बाद भी लोगों को कैश की किल्लत से क्यों जूझना पड़ा। ये भी पढ़ें- 1 मार्च से बदल चुके हैं बैंकों के नियम, ये है नई व्यवस्था
नोटबंदी की घोषणा 8 नवंबर की रात को की गई और 9 नवंबर से नोटबंदी का फैसला लागू कर दिया गया। इसके अलावा, 30 दिसंबर तक लोगों को उनके पास पड़े पुराने नोट बदलने का विकल्प दिया गया। इस दौरान लोगों को कैश की काफी किल्लत हुई। दरअसल, कैश की किल्लत का एक बड़ा कारण यह भी था कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में पैसे नहीं थे। भले ही सरकार ने नोटबंदी से ढाई महीने पहले ही 2000 रुपए के नोट छापने शुरू कर दिए थे, लेकिन 500 रुपए के नोट छापने में सरकार ने देरी की और 23 नवंबर से 500 के नोटों की छपाई शुरू की। इस तरह नोटबंदी की घोषणा के 15 दिन बाद 500 रुपए के नोटों की छपाई शुरू की गई।