अब उधार में बुक करा सकेंगे रेलवे का टिकट, आईआरसीटीसी पर मिलेगी सुविधा
भारतीय रेलवे अपने करोडों ग्राहकों के लिए एक ऐसी योजना लाने जा रहा है जिसके बाद लोग उधार टिकट ले सकेंगे।
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अपने करोडों ग्राहकों के लिए एक ऐसी योजना लाने जा रहा है जिसके बाद लोग उधार टिकट ले सकेंगे। अब रेलवे का टिकट बिना पैसे खर्च किए ही ऑनलाइन मिल जाएगा। इसके बाद लोगों को उनके घर ही रेलवे के टिकट की डिलीवरी कर दी जाएगी।
उधार टिकट ले सकेंगे
आईआरसीटीसी(इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्पोरेशन ) छह सौ शहरों में पे ऑन डिलीवरी नाम से योजना शुरु करने जा रही है। इस सुविधा के तहत लोगों टिकट तो उधार मिल जाएगा, पर इसका लाभ उठाने के लिए लोगों को अतिरिक्त शुल्क भी देना होगा। एनबीटी की खबर के मुताबिक आईआरसीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक बात की पुष्टि की है। अधिकारी ने बताया कि हम यह सुविधा उन लोगों को देंगे जो लोग ऑनलाइन टिकट बुक कराना चाहते हैं, पर ऑनलाइन पेमेंट से बचते हैं। इस योजना के तहत ऐसे लोगों को घर पर ही टिकट बेचा भेज दिया जाएगा और वहीं पर उनसे पेमेंट ले लिया जाएगा।
धोखाधड़ी से भी निपटने के भी उपाय किए
आईआरसीटी ने धोखाधड़ी से भी निपटने के भी उपाय किए हैं। आईआरसीटीसी ने इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं और इस पूरी प्रक्रिया को सिबिल से भी जोड़ा जाएगा। आईआरसीटीसी के साथ धोखाधड़ी करने का प्रयास करे तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सिबिल को जोड़ने का मकसद यही है कि अगर कोई धोखाधड़ी करता है या इसकी कोशिश करता है तो उसकी यह कोशिश सिबिल के रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगी। इससे भविष्य में उसके लिए लोन लेने में दिक्कत आ सकती है।
कैसे मिलेगा इस योजना का फायदा
आईआरसीटीसी की पे ऑन डिलीवरी योजना के तहत इस सुविधा के लिए एक बार अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और इस रजिस्ट्रेशन के वक्त पैन कार्ड के साथ-साथ आधार कार्ड देना होगा। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद कभी भी आईआरसीटीसी की वेबसाइट या फिर मोबाइल ऐप से टिकट बुक कराया जा सकेगा। इसके तहत टिकट यात्रा से कम-से-कम पांच दिन पहले बुक कराना होगा। इसके लिए तय किया गया है कि अगर टिकट की कुल राशि 5,000 रुपए से कम है तो पैसेंजर को उसके लिए 90 रुपए और सर्विस चार्ज देना होगा। अगर टिकट की राशि 5,000 से अधिक है तो पैसेंजर को इस सुविधा के लिए चार्ज के रूप में 120 रुपए एवं सर्विस चार्ज देना होगा। आईआरसीटीसी का कहना है कि फिलहाल यह सुविधा 4,000 पिन कोड वाले शहरों में लागू की गई है।
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