GST पर मोदी सरकार का नया अध्यादेश जारी, अब प्रोडक्ट्स पर दिखेगा Old और New Price भी
जीएसटी की लगातार आलोचना के बाद मोदी सरकार ने एक अहम कदम उठाया है, जिससे कि वह जीएसटी की वजह से ग्राहकों को होने वाले फायदे बता सकें।
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नई दिल्ली। जीएसटी की लगातार आलोचना के बाद मोदी सरकार ने एक अहम कदम उठाया है, जिससे कि वह जीएसटी की वजह से ग्राहकों को होने वाले फायदे बता सकें। सरकार ने सभी कंज्यूमर गुड्स कंपनियों और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स से कहा है कि वह नए प्राइस टैग के साथ बेचे जाने वाले सामानों पर पुरानी कीमत से तुलना भी दिखाएं। यह कहा गया है कि अभी जो सामान बाजार में बिक रहे हैं, उन पर जब नए प्राइस टैग लगाए जाएं तो यह साफ पता चलना चाहिए कि कीमतों में कितना अंतर आया है। सरकार चाहती है कि मौजूदा टैक्स के हिसाब से प्राइस टैग लगाने के बाद ग्राहकों को यह दिखाई देना चाहिए कि जीएसटी की वजह से उनके कितने पैसे बचे हैं।
कंपनी मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों के दिए अपने आदेश में लिखा है कि कानून के मुताबिक उन्हें सामान पर नए स्टिकर लगाने की इजाजत दी जाती है ताकि जनता को कम एमआरपी की जनकारी जी जा सके। साथ ही यह भी आदेश दिया है कि हर प्रोडक्ट पर पिछली एमआरपी भी दिखनी चाहिए। यह दरअसल उन सामानों के लिए है, जिनकी पैकिंग पहले ही हो चुकी है। 16 नवंबर को जारी किए गए इस आदेश के अनुसार 31 दिसंबर तक नई कीमत और पिछली एमआरपी के स्टिकर हर प्रोडक्ट पर होने चाहिए।
इस कदम से जनता को यह पता चल सकेगा कि जीएसटी की वजह से उन्हें कितना फायदा हो रहा है। यह भी कहा गया है कि स्टेकहोल्डर्स इस बात का ध्यान रखें कि स्टिकर सही तरीके से लगाए जाएं और कोई गड़बड़ी न की जाए। यह नए स्टिकर सिर्फ उन प्रोडक्ट पर लगेंगे जो या तो अभी कंपनी में ही पड़े हैं या फिर डिस्ट्रिब्यूटर्स के पास पड़े हैं। जो प्रोडक्ट रिटेलर्स के पास हैं, उन पर स्टिकर लगाना संभव नहीं है।
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