आर्थिक पहल: विनिवेश के मोर्चे पर सरकार का बड़ा कदम
नई
दिल्ली।
नए
आर्थिक
सुधारों
को
हकीकत
में
उतारने
के
लिए
सरकार
ने
कमर
कस
ली
है।
सरकार
ने
अपने
विनिवेश
के
बड़े
अभियान
को
आगे
बढ़ाते
हुए
आज
कोल
इंडिया,
ओएनजीसी
व
एनएचपीसी
में
हिस्सेदारी
बिक्री
के
प्रस्ताव
को
मंजूरी
दे
दी।
इन सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से सरकार को 43,000 करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीईए (आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति) बैठक के बाद आधिकारिक सूत्रों से पता चला कि ओएनजीसी, कोल इंडिया व एनएचपीसी के विनिवेश प्रस्ताव को सीसीईए ने मंजूरी दे दी है।
बाजार मूल्य के हिसाब से कोल इंडिया में हिस्सेदारी बिक्री से सरकर 23 हजार करोड रुपये, ओएनजीसी के विनिवेश से 18 हजार करोड रुपये व एनएचपीसी की हिस्सेदारी बिक्री से 28 सौ करोड़ रुपये जुटाइएगी। सरकार चालू वित्त वर्ष के 43,425 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य हासिल करेगी।
पढ़ें-
अमित
शाह
के
खिलाफ
चार्जशीट
बजट
में
विनिवेश
के
लिए
बड़े
ऐलान
किए
थे
और
अब
उस
पर
अमल
की
तैयारी
है।
पहला
विनिवेश
स्टील
कंपनी
सेल
में
5
फीसदी
हिस्सेदारी
बेचने
के
साथ
होगा।
इसे
बेचकर
सरकार
को
1,700
करोड़
रुपये
प्राप्त
होने
की
उम्मीद
है।
दरअसल पिछले फिस्कल ईयर में सरकार विनिवेश से सिर्फ 15,820 करोड़ रुपये जुटा पाई, जबकि बजट में 40 हजार करोड़ रुपये का टारगेट रखा गया था। इस बार उम्मीदके मुताबिक सरकार ऐसे कदम उठाने की पहल कर रही है, जिससे उसे किसी भी दशा में लक्ष्य हासिल हो जाए।