शादी के लिए 2.50 लाख रुपए निकालने के कठिन नियम बनाकर फंसी सरकार, अब वित्त मंत्रालय करेगा समीक्षा
8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी के फैसले के बाद वित्त मंत्रालय लगभग हर दूसरे दिन नियमों में बदलाव कर रहा है।
नई दिल्ली। 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी के फैसले के बाद वित्त मंत्रालय लगभग हर दूसरे दिन नियमों में बदलाव कर रहा है।
अब शादी के लिए 2.50 लाख रुपए निकालने के नियम की अब वित्त मंत्रालय मंगलवार शाम को फिर से समीक्षा करेगा। भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी किए गए नियम ऐसे थे जिन्हें व्यावहारिक तौर पर लागू करना बिल्कुल भी संभव नहीं था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी से शादियों में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए वित्त मंत्रालय के लिए गए निर्णय को सोमवार शाम को लागू कर दिया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को नोटिफिकेशन जारी करते हुए शादियों के लिए एक बैंक खाते से 2.50 लाख रुपए निकालने की अनुमति दे दी थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसे नियम बनाएं थे जिन्हें शादी में पूरी तरह से लागू करना व्यावहारिक नहीं था।
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क्या थे वो सात नियम
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक बैंकों को शादियों में खर्च के लिए लोगों को चेक से भुगतान करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इसके अलावा एनईएफटी, आरजीटीएस और प्रीपेड कार्ड के जरिए भुगतान करना चाहिए।
1-भारतीय रिजर्व बैंक के नियम के मुताबिक 30 दिसंबर तक बैंक खाते से मात्र 2.50 लाख रुपए निकाल सकते हैं। उन्हीं लोगों को यह राशि निकालने की अनुमति होगी जो केवाईसी नियमों को पूरा करेंगे।
2 -बैंक से निकालने की अनुमति माता-पिता या शादी करने वाले लड़के या लड़की को ही होगी। दोनों लोगों में से कोई एक ही पैसे निकाल पाएगा।
3-बैंक से पैसे निकालने के लिए सुबूत के तौर पर शादी का कार्ड, निमंत्रण पत्र, जिन लोगों को पैसे का भुगतान करना है उसकी रसीद और इसके साथ-साथ अगर आपने कैटर्स और मैरिज हॉल की बुकिंग की है तो उसकी रसीद भी देनी होगी।
4-उन लोगों की पूरी लिस्ट देनी होगी जिन्हें शादी के दौरान पेमेंट करना होगा। साथ ही यह भी घोषणा करनी होगी कि उनका बैंक अकाउंट नहीं है। 5-यह भी बताना होगा कि लोगों को पेमेंट किसलिए किया जा रहा है।
6-बैंक यह सभी सुबूत अपने पास रखेंगे और बाद में जरूरत पड़ने पर इसकी जांच करेंगे।
7-इस स्कीम के लागू होने के बाद आरबीआई इसकी समीक्षा करेगा और बाद में इसको जारी रखना है या नहीं उसके बारे में फैसला करेगा।
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