Economic Survey: वित्त वर्ष 23-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान
Economic Survey 2023-24: वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। ये बात आर्थिक सर्वे में सामने आई।
Economic Survey 2023-24: संसद का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो गया। इसके पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पेश की। जिसमें वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया, जबकि नॉमिनल जीडीपी 11 फीसदी के आसपास रह सकती है। माना जा रहा कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ (GDP growth) तीन साल की सबसे धीमी होगी। हालांकि वित्त मंत्री ने सदन को भरोसा दिलाया कि कोरोना के चलते पिछले कुछ सालों में देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) ने जो कुछ भी खोया था, उससे वो उबर गई है।
भारत सरकार के मुताबिक जीडीपी के प्रतिशत के रूप में निजी खपत वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में 58.4 प्रतिशत रही, जो 2013-14 के बाद से सभी वर्षों की दूसरी तिमाहियों में सबसे अधिक है। ये व्यापार, होटल और परिवहन जैसी सेवाओं में उछाल की वजह से हुआ। वहीं निर्माण गतिविधियों के लिए प्रवासी श्रमिकों की वापसी से हाउसिंग मार्केट में पिछले साल 42 महीनों की तुलना में वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में इन्वेंट्री ओवरहैंग में 33 महीने की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई।
मुख्य
आर्थिक
सलाहकार
ने
कही
ये
बात
वहीं
दूसरी
ओर
दिल्ली
में
मुख्य
आर्थिक
सलाहकार
(CEA)
डॉ.
वी
अनंत
नागेश्वरन
(Anantha
Nageswaran)
ने
आर्थिक
सर्वेक्षण
2023
प्रस्तुत
किया।
इसके
बाद
उन्होंने
कहा
कि
IMF
ने
मौजूदा
वित्तीय
वर्ष
के
लिए
भारत
की
अनुमानित
GDP
वृद्धि
दर
6.8%
रहने
का
अनुमान
लगाया
है।
अगले
वित्तीय
वर्ष
में
भारत
की
GDP
वृद्धि
दर
6.1%
और
2024-25
में
6.8%
रहने
का
अनुमान
है।
उन्होंने
कहा
कि
अर्थव्यवस्था
की
रिकवरी
पूरी
हो
गई
है।
गैर-बैंकिंग
और
कॉर्पोरेट
क्षेत्रों
में
अब
स्वस्थ
बैलेंस
सीट
है,
ऐसे
में
हमें
अब
महामारी
से
उबरने
की
बात
नहीं
करनी
है,
हमें
अब
अगले
फेस
की
ओर
देखना
है।
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