साल 2021 में धरती के इतिहास के सबसे गर्म सालों में से एक, जानिए क्यों हैं कि खतरे की घंटी
नई दिल्ली, 14 जनवरी। धरती के इतिहास में साल 2021 सबसे गर्म सालों में से एक रहा है। साल 2021 में धरती का तापमान इतिहास के पांच सबसे अधिक गर्म सालों में से एक रहा है। सोमवार को इसे लेकर कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई, जिसके मुताबिक साल 2021 गर्म सालों में से एक रहा है। एनओएए ने वैश्विक भूमि और समुद्र की सतह का तापमान 20वीं सदी के औसत से 0.84 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया। वहीं नासा ने 0.85 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।
इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछला साल सबसे गर्म रहा। पिछले साल दुनियाभर के समुद्रों ने 14 सेक्किटिलियन जूल्स गर्मी सोखी। इस गर्मी के कारण आर्कटिक, ग्रीनलैंड और अंटार्कटिक की बर्फ का पिछलना है। वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में बताया कि सैल 2020 की तुलना में साल 2021 में दुनियाभर के समुद्र 70 फीसदी ज्यादा गर्म हुए, यानी समुद्र के ऊपरी पतर ने 14 सेक्किटिलियन जूल्स गर्मी सोखी।
लगातार बढ़ रही गर्मी के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में जुटे 23 वैज्ञानिकों की टीम ने इस रिपोर्ट को तैयार की और बताया कि ये घटना कितनी भयानक है। उन्होंने बताया कि दुनियाभर के समुद्र लगातार गर्म हो रहे हैं तो वहीं ग्लेशियर के बर्फ पिछल रहे हैं। साल 2020-21 नें ला नीना का भी प्रभाल रहा, लेकिन इसके बावजूद समुद्र इतने गर्म हो गए।
कोलोरोडो स्थिर नेशनल सेंटर फॉर एटामॉस्फियरिक ने वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र की गर्मी बढ़ने की वजह इंसानों द्वारा पैदा किए जा रहे क्लाइमेंट चेंज हैं। उन्होंने कहा कि ये स्थिति चिंताजनक है। न केवल गर्मी बल्कि समुद्र इंसानों द्वारा पैदा किए जा रहे कार्बन डायऑक्साइड का 20 से 30 फीसदी हिस्सा भी सोख रहे हैं, जिसके कारण सागरों की अम्लीयता बढ़ रही है। जिस तरह से समुद्रों की गर्मी बढ़ रही है उससे समुद्री हीटवेव बढ़ेदा और ये जीव जंतुओं के लिए खतरा है। गर्मी के कारण हिम पिघलेंगे और समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा। जिसके कारण चक्रवाती तूफान , हरिकेन जैसी स्थिति का सामना करना होगा।