अब Coronavirus बना iPhone-शिओमी जैसी बड़ी कंपनियों के लिए सिर दर्द, जानिए कैसे?
अब Coronavirus बना iPhone-शिओमी जैसी बड़ी कंपनियों के लिए सिर दर्द, जानिए कैसे?
नई दिल्ली। चीन में फैले जानलेवा कोरोनावायरस की वजह से मरने वालों की तादात लगातार बढ़ती जा रही है। Coronavirus ने चीन की अर्थव्यव्था को हिलाकर रख दिया है। भारत ने इस वायरस से निपटने के लिए सावधानी बरत रखी है। विदेशों से आने वाले यात्रियों को जांच की जा रही है। लेकिन इस वायरस की वजह से भारत में का रोबार पर असर पड़ रहा है। कोरोना वायरस का संक्रमण भले ही भारत में अभी नहीं है, लेकिन इस वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था को संक्रमित करना शुरू कर दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबित कोराना वायरस की वजह से भारत में मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली कंपनियों की हालत खराब हो गई है। कई कंपनियों का कारोबार बंद होने की कगार पर पहुंच गया है।
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बंद होने के कगार पर पहुंचा कारोबार
कोरोना वायरस की वदह से चीन से आने वाले मोबाइल पार्ट्स की सप्लाई ठप हो गई है। मोबाइल पार्ट्स की कमी के चलते मोबाइल हैंडसेट का निर्माण प्रभावित है। इनकी कमी को देखते हुए कहा जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में मोबाइल फोन के निर्माण का कारोबार बंद हो सकता है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की स्मार्टफोन कंपनी इस मुश्किल से निपटने के लिए मोबाइल् फोन्स के पार्ट्स की कीमतें भी बढ़ा सकती है। अगर ऐसा होता है तो स्मार्टफोन्स के दाम बढ़ने तय है।
iPhone 11 के पार्ट्स पूरी तरह खत्म
रिपोर्ट के मुताबिक चीन में फैले कोरोना वायरस की वजह से मोबाइल हैंडसेट के पार्ट्स चीन से आते हैं और उनसे भारत में हैंडसेट तैयार किया जाता है। खबर के मुताबिक एप्पल iPhone 11 और iPhone 11 Pro, शिओमी के पार्ट्स पूरी तरह से खत्म हो गए हैं। ऐसे में कंपनी को किसी भी वक्त बंद किया जा सकता है। चीन से आयात बंद होने की वजह से इनकी मैन्युफैक्टरिंग ठप पड़ गई है। अगर जल्द ही चीन ने इस फोन्स के पार्ट्स का आयात शुरू नहीं हुआ तो दुनिया के दूसरे सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता देश में इसका कारोबार बंद हो जाएगा। आपको बता दें कि स्मार्टफोन्स में इस्तेमाल होने वाली बैटरीज, डिस्प्ले, कैमरा, कनेक्टर्स , चिप आदि चीन से आयात किए जाते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट पर असर
चीन में फैले कोराना वायरस का असर सिर्फ मोबाइल हैंडसेट मार्केट पर ही नहीं बल्कि इलेक्ट्रिकल मार्केट पर भी पड़ा है। इलेक्ट्रॉनिक व मोबाइल मार्केट के कंपोनेंट चायना मार्केट से ही आते हैं। ऐसे में आयात प्रभावित होने से बाजार पर असर होने लगा है। ऐसेसरीज व रिपेरिंग मटेरियल की कमी के कारण रिपेयरिंग महंगा हो गया है। वहीं हमारे देश के अंदर बनने वाली दवाओं का 80 फीसदी आयात हम चीन से करते हैं। ऐसे में इस सेक्टर पर भी भारी असर दिख रहा है। वहीं कोरोना वायरस की वजह से कॉटन इंडस्ट्री भी प्रभावित हुई है। कोरोना प्रकोप के चलते कॉटन निर्यात के सौदे रुक गए हैं।