RBI का बड़ा फैसला, केंद्र सरकार को मिलेंगे सरप्लस अमाउंट के 99122 करोड़ रुपए
नई दिल्ली, 21 मई। कोरोना वायरस संकट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र सरकार को 99,122 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने का फैसला किया है। शुक्रवार को हुई आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड की बैठक में फैसला किया गया कि बैंक अपने 99122 करोड़ रुपए के सरप्लस अमाउंट को केंद्र की मोदी सरकार को सौंपेगा। इसका मतलब यह हुआ कि आईबीआई के जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक का सरप्लस अमाउंट सरकार को मिलेगा।
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बता दें कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 589वीं बैठक का आयोजन किया गया। बोर्ड ने अपनी बैठक में अर्थव्यवस्था पर COVID-19 की दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों और हाल के नीतिगत उपायों की समीक्षा की। साथ ही इस बैठक में केंद्र सरकार को सरप्लस ट्रांसफर करने का भी फैसला लिया गया।
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क्या
होता
है
सरप्लस
अमाउंट
?
आपको
बता
दें
कि
आरबीआई
को
अपनी
आय
पर
किसी
भी
तरह
का
इनकम
टैक्स
नहीं
देना
पड़ता।
देश
का
शीर्ष
बैंक
अपनी
कमाई
का
कुछ
पैसा
अपनी
जरूरतें
पूरी
करने,
जरूरी
प्रावधान
और
जरूरी
निवेश
में
खर्च
करता
है,
इसके
बाद
जो
राशि
बच
जाती
है
उसे
आरबीआई
का
सरप्लस
अमाउंट
कहा
जाता
है।
इस
पैसे
को
उसे
सरकार
को
देना
होता
है।
इस
बार
आरबीआई
के
पास
रिकॉर्ड
सरप्लस
फंड
था
जिसने
उनसे
पिछले
वर्ष
गोल्ड
और
विदेशी
मुद्रा
बाजार
में
एक्टिव
रहने
के
बाद
कमाया
था।
आरबीआई
ने
बड़े
प्रॉफिट
पर
डॉलर
बेचे
और
मुद्रा
बाजार
में
रेकॉर्ड
बॉन्ड
खरीदे,
जिनपर
अच्छा
रिटर्न
मिला।
बता
दें
कि
आरबीआई
की
कमाई
का
मुख्य
जरिया
गोल्ड
पर
किया
गया
इन्वेस्टमेंट,
सरकारी
बॉन्ड
और
विदेशी
मार्केट
में
फोरेक्स
और
बॉन्ड
ट्रेडिंग
होता
है।