Bisleri: कौन हैं बिसलेरी की वाइस चेयरपर्सन जयंती चौहान? क्या उनके कारण पापा रमेश बेच रहे हैं कंपनी?
Ramesh Chauhan's daughter Jayanti Chauhan: शादी हो या फंक्शन, बर्थडे हो या किट्टी पार्टी, अगर पानी हो तो 'Bisleri', जी हां यही सोच है आम लोगों की जिसके चलते पिछले पांच दशकों से Bisleri वॉटर, बोलतबंद पानी के बिजनेस में शीर्ष पर है। उसने केवल मार्केट में मुनाफा नहीं कमाया है बल्कि उसने अपनी शुद्धता से लोगों का भरोसा जीता है और जहां विश्वास होता है, वहां सफलता निश्चित तौर पर होती है। तभी तो 1969 में केवल चार लाख में खरीदी गई Bisleri कंपनी आज 7000 करोड़ की हो गई है लेकिन बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान अब इसे बेचने की तैयारी कर रहे हैं और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) बिसलेरी को 7,000 करोड़ रुपए में खरीदने को तैयार भी है।
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रमेश चौहान के लिए बिसलेरी एक बच्चे की तरह..
थम्सअप,कोका-कोला जैसे ब्रांड को इंडियन मार्केट में ऊंचाईयों तक पहुंचाने वाले रमेश चौहान के लिए बिसलेरी एक बच्चे की तरह है, जिसको उन्होंने अपने प्रेम, दुलार, लगन, ईमानदारी से सफलता की चोटी पर पहुंचाया है, उनके लिए ये कंपनी केवल बिजनेस का हिस्सा नहीं है बल्कि उनके लिए ये उनकी पूजा का फल है, ऐसे में सवाल उठता है कि 82 साल के रमेश चौहान ने इसे बेचने का फैसला क्यों किया? तो इसके पीछे कारण है उनकी इकलौती बेटी जयंती चौहान, जिनकी इस कंपनी में अब कोई दिलचस्पी नहीं है।
कंपनी की वाइस चेयरपर्सन हैं जयंती
रमेश चौहान उन पिता में से नहीं जो जबरदस्ती अपनी जिम्मेदारियां अपने बच्चों के कंधों पर थोप देते हैं इसलिए उद्योगपति रमेश चौहान ने अपनी खराब सेहत और बेटी के रूख को देखते हुए इस कंपनी को बेचने का फैसला किया है। आपको बता दें कि जब रमेश चौहान ने इटैलियन ब्रैंड बिसलेरी को खरीदा था, तब उनकी उम्र मात्र 28 साल थी, आज बिसलेरी भारत में पैकेज्ड वॉटर का सबसे बड़ा ब्रैंड है। हालांकि बिसलेरी को इंटरनेशनल मार्केट में अहम पोजिशन दिलाने में बेटी जयंती का ही बहुत बड़ा हाथ है, वो इस कंपनी की वाइस चेयरपर्सन भी हैं।
नए मार्केटिंग प्लान के साथ इस बिजनेस को आगे बढ़ाया
साल 2009 में जयंती ने 'Bisleri' कंपनी एक लो-प्रोफाइल पद पर ज्वाइन की थीं, तब इसका ऑफिस दिल्ली में था लेकिन ज्वाइन करने के एक साल बाद जयंती अरेबियन पढ़ने के लिए लंदन चली गई थीं। उस वक्त ही लगा था कि शायद अब 'Bisleri' कंपनी का भविष्य खतरे में है लेकिन साल 2011 में जयंती की वतन वापसी हुई और उन्होंने फिर नए सिरे और नए मार्केटिंग प्लान के साथ इस बिजनेस को आगे बढ़ाया और कंपनी जबरदस्त मुनाफे में आ गई।
...हर तीसरा इंसान 'Bisleri' पानी खरीदता है
जयंती की वजह से ही कंपनी का ऑफिस मुंबई में खुला और उनकी वजह से ही कंपनी ने Vedika, फिजी फ्रूट ड्रिंक्स और बिसलरी हैंड प्योरिफायर जैसे प्रोडक्ट्स तैयार किए। कंपनी का कारोबार दिन दूना रात चौगुनी तरक्की करने लगा, आपको बता दें कि आज भारत के जो 60 प्रतिशत लोग बोतल बंद पानी खरीदते हैं, उसमें से हर तीसरा इंसान 'Bisleri' पानी खरीदता है।
पारी समाप्ति कि घोषणा कर दी है?
उस वक्त जयंती ने ET को एक इंटरव्यू दिया था कि 'वो अब यहां लंबी पारी खेलने के मूड में हैं' तो क्या 11 साल बाद अब उन्होंने पारी समाप्ति कि घोषणा कर दी है? जिसकी वजह से उनके पापा ने कंपनी को बेचने का फैसला किया है।
जयंती को नहीं चाहिए 7000 करोड़ की Bisleri
मालूम हो कि जयंती चौहान उद्योगपति रमेश जे चौहान और जैनब चौहान की इकलौती बेटी हैं। उनका जन्म साल 1985 में हुआ था। जैनब Bisleri International Pvt. Ltd के मैनजमेंट का अहम पार्ट हैं। जयंती की स्कूलिंग तो यहां हुई है लेकिन उन्होंने लंदन के फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड मर्चेंडाइजिंग से पढ़ाई की है। उन्हें कई भाषाओं की जानकारी हैं और ट्रैवलिंग और फोटोग्राफरी का वो शौक रखती हैं।