बुलंदशहर हिंसा: सुमित की मूर्ति स्थापित करने पर शहीद इंस्पेक्टर सुबोध के बेटे ने जताई नाराजगी, कही ये बात...
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पिछले साल 3 दिसंबर को गोकशी को लेकर हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसी हिंसा में सुमित नाम के एक युवक की भी मौत हो गई थी। 11 महीनों के बाद सुमित को गोरक्षक बताते हुए चिंगरावठी गांव में उसकी मूर्ति स्थापित कर दी गई। प्रतिमा की स्थापना के बाद शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के बेटे अभिषेक प्रताप सिंह ने इस बात पर नाराजगी जताई है।
क्या कहा अभिषेक ने
एनबीटी की खबर के मुताबिक, बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के बेटे अभिषेक प्रताप सिंह ने कहा, 'मेरे पिता हिंसा में शहीद हुए थे।' इस हिंसा में सुमित भी शामिल था। शर्मनाक तो यह है कि सुमित का मंदिर बनवा दिया गया। यह तो शहादत का अपमान है। अभिषेक ने कहा कि यदि उस रोज मेरे पिताजी अपने कर्तव्य का पालन न करते तो न जाने कितने लोग मारे जाते। पापा ने अपनी ड्यूटी निभाई और वह हिंसा में शहीद हो गए। आज आरोपियों का महिमामंडन किया जा रहा है, इसे सरकार को देखना चाहिए। इस तरह के मंदिरों पर रोक लगाना चाहिए। जो लोग आरोपी हैं, उन्हें भगवान बनाकर पेश न किया जाए।'
शासन-प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जाहिर की
वहीं, सुमित के परिजनों ने शासन-प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है। सुमित के पिता ने कहा कि तीन दिसंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वह परिवार सहित धर्म परिवर्तन कर लेंगे। साथ ही सुमित के पिता ने आत्मदाह की करने की धमकी भी दी है। सुमित के घरवालों ने प्रशासन पर वादा-खिलाफी का आरोप लगाया है। घरवाले सुमित को शहीद का दर्जा देने की मांग भी कर रहे हैं।
सुमित को शहीद का दर्जा देने की मांग
सुमित के पिता ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने आश्वसन दिया था कि जांच के बाद शहीद इंस्पेक्टर सुबोध के समान हमें भी सहायता मिलेगी लेकिन बाद में भी कोई सहायता नहीं मिली। मृतक सुमित के घरवालों की मांग है कि पूरे मामले की सीबीआई जांच हो। अमरजीत का कहना है कि इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या से पहले ही सुमित की हत्या हो गई थी लेकिन उनके बेटे के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।
बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध की हुई थी हत्या
बता दें कि 3 दिसंबर 2018 को जब स्याना इलाके में गोकशी की खबर के बाद हिंसा भड़की तो इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे थे। पुलिस ने भीड़ को काबू करने की कोशिश की थी और आंसू गैस के गोले दागे थे। इसी दौरान उग्र भीड़ ने सुबोध कुमार सिंह पर हमला कर दिया था। वहीं, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि सुबोध कुमार सिंह को गोली मारने से पहले उनकी पिटाई भी की गई थी। इंस्पेक्टर की सिर में गोली लगने से मौत हुई थी। इसी हिंसा में एक युवक सुमित की भी मौत हो गई थी। बुलंदशहर हिंसा ने यूपी की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए थे और योगी सरकार की खूब किरकिरी हुई थी।