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कोरोना वायरस को रोकने के लिए क्या कर रहा है फ़ेसबुक?

मौजूदा वक्त में भारत समेत दुनिया के 76 देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है. अब तक दुनिया भर में कोरोना वायरस कोविड 19 के 93,090 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि इसके कारण अब तक 2,984 लोगों की मौत चुकी है. ऐसे में फ़ेसबकु इससे संबंधित सही जानकारी लोगों तक पहुंचाने और भ्रमित करने वाली जानकारी को रोकने के लिए क्या कर रहा है?

By रोरी सेलन-जोन्स
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Woman wearing face mask on bus
Getty Images
Woman wearing face mask on bus

आज कल के दौर में मुश्किल वक्त में विश्व भर में करोड़ों लोग सूचना के लिए फ़ेसबुक पर निर्भर करते हैं.

मौजूदा वक्त में भारत समेत दुनिया के 76 देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है. अब तक दुनिया भर में कोरोना वायरस कोविड 19 के 93,090 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि इसके कारण अब तक 2,984 लोगों की मौत चुकी है.

ऐसे में फ़ेसबकु इससे संबंधित सही जानकारी लोगों तक पहुंचाने और भ्रमित करने वाली जानकारी को रोकने के लिए क्या कर रहा है?

फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग के अनुसार इसके लिए उनकी कंपनी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम कर रही है. उनका कहना है, "हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी इस बारे में सही जानकारी पा सकें ये सुनिश्चित किया जा रहा है."

उनका कहना है कि जब भी कोई फ़ेसबुक यूज़र अगर फ़ेसबुक पर कोरोना वायरस शब्द सर्च करता है तो उसे एक संदेश दिखता है और उसे अधिक जानकारी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन या स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के पन्ने पर ले जाता है.

इसके साथ ही फ़ेसबुक अपने पन्ने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन को मुफ्त में विज्ञापन के लिए जगह दे रहा है. मार्क ज़करबर्ग के अनुसार कोरोना वायरस कोविड 19 से निपटने की कोशिश में लगी दूसरी संस्थाओं को भी फ़ेसबुक लाखों रूपयों के विज्ञापन की भी देगा.

उनका कहना है कि सोश मीडिया पर इस से जुड़ी भ्रांतियां और ग़लत जानकारी रोकने के काम भी फ़ेसबुक कर रहा है.

ज़करबर्ग कहते हैं कि सभी को अपने अनुभव शेयर करने का अधिकार है लेकिन ग़लत जानकारियों और तरह-तरह की अटकलों को हटाया जा रहा है. साथ ही कंपनी उन विज्ञापनों को भी ब्लॉक कर रही है जो इसका स्थिति का लाभ उठाने की कोशिश करते हैं. वो उदाहरण देते हैं कि "इसके पूरे इलाज का दावा करने वाले सामान बेचने वाले" विज्ञापनों को ब्लॉक किया जा रहा है.

वो कहते हैं कि फ़ेसबुक ग्रुप्स पर जो बातें हो रही हैं उसके विस्तार को देखा जाए तो कंपनी के लिए ये एक बड़ा काम है.

वो कहते हैं कि स्टॉप 5जी यूके ग्रुप में लोग कोरोना वायरस से जुड़ी तरह-तरह की अटकलें पोस्ट कर रहे हैं. वो कहते हैं, "एक पोस्ट के अनुसार किसी ने यह लिखा कि कुछ लोग ब्रेक्सिट के मसले से ध्यान हटाने के लिए कोरोना वायरस के बारे में अफ़वाहें फैला रहे हैं."

वो कहते हैं कि एक व्यक्ति ने 'कोरोना वायरस- अ ग्लोबलिस्ट टूल' नाम के एक यू ट्यूब वीडियो का लिंक भी पोस्ट किया था. और इस तरह के मामले में फ़ेसबुक को अपनी लड़ाई आगे बढ़ाने के लिए एक दूसरे प्लेटफॉर्म पर निर्भर रहना होता है.

वो कहते हैं कि यूट्यूब इसे रोकने की सभी कोशिशें कर रहा है लेकिन इसके बावजूद अफ़वाहों को रोकना उनके लिए मुश्किल हो रहा है उनके ऐप में दुनिया भर के कई ऐसे वीडियो हैं जिसमें "जानकार" कोरोना वायरस, 5जी और दुनिया में साजिशों से जुड़े दावे करते हैं और टीकाकरण की बात करते हैं.

इसमें से झूठे दावे करते कई वीडियो फ़ेसबुक और यूट्यूब के नियमों का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन करते हैं.

ज़करबर्ग का कहना है कि उन्होंने कुछ दिन पहले खुद यूट्यूब को एक ऐसे वीडियो के बारे में जानकारी दी है जिसमें एक व्यक्ति जो खुद को ब्रितानी 5जी विरोधी अभियान चलाने वाला कहते हैं कोरोना वायरस के बारे में झूठे दावे कर रहे थे.

इस वीडियो में व्यक्ति एक रूसी पेन ड्राइव बेचने की कोशिश कर रहे हैं जो 5जी और कोरोना वायरस फैलने से रोकता है. यूट्यूब ने माना कि ये वीडियो यूट्यूब के नियमों का उल्लंघन करता है और उन्होंने इसे ब्लॉक किया.

फ़ेसमास्क

वो कहते हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया पर इस तरह के अनेक विज्ञापन भी देखें जो ताज़ा हालात का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं और ऊंची क़ीमतों पर सामान बेचने की कोशिश कर रहे हैं.

उनके अनुसार एक विज्ञापन में तो यहां तक दावा किया गया है कि "29.95 डॉलर में आप ऐसा पेस मास्क ख़रीद सकते हैं जो फ्लू से प्रभावी तरीके से आपकी रक्षा करेगा क्योंकि इसमें आधुनिक कार्बन फ़िल्टर लगा हुआ है."

Masks
Facebook
Masks

कई विज्ञापन तो 65 से 100 डॉलर की क़ीमत में सीधे चीन से आयात किए गए कोविड 19 मास्क बेचने की दावा कर रहे हैं.

ज़करबर्ग का कहना है कि कुछ फ़ेसबुक ग्रुप में ग्रुप के मॉडरेटर कोरोना वायरस के जुड़ी भ्रामक ख़बरों के ख़िलाफ़ लिख रहे हैं.

स्टॉप 5जी यूके ग्रुप के एक सदस्य ने लीड्स में अपने स्थानीय समुदाय से जुड़े एक ग्रुप में पोस्ट किया कि "5जी या किसी के बारे में मीडिया में छपी ख़बरों के अलावा यदि किसी तरह की भ्रामक जानकारी पोस्ट की जाने पर उसे तुरंत हटा लिया जाएगा."

लीड्सप्लेस फ़ेसबुक ग्रुप का हिस्सा बनने की इच्छी रखने वालों को एक संदेश पहले पन्ने पर दिखता है जिसमें कहा गया है, "पारानॉएड क़न्सिपिरेसी थिएरिस्ट यानी घबराए हुए अटकलबाज़, हम आपके अधिकारों का सम्मान करते हैं लेकिन लीड्सप्लेस में आपकी भ्रामक जानकारियां हम फैलने नहीं देंगे. अगर आप इस तरह की बातों पर यक़ीन करते हैं टीकाकरण से ऑटिज़्म ठीक होता है या फिर केमिकल्स से हम मरने वाले हैं और इस तरह की ग़लत जानकारी फैलाने के लिए आप इस मंच का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको बिना चेतावनी बैन कर दिया जाएगा."

वो मानते हैं कि सोशल मीडिया पर इस तरह के कई ग्रुप हैं जो ग़लत जानकारियों के बारे में ही चर्चा करने के लिए बनाए गए हैं और वो भ्रामक जानकारियों को आगे बढ़ाने का ही काम करते हैं.

वो मानते हैं कि वक्त के साथ सोशल मीडिया पर ग़लत जानकारियों को रोकना इस कारण भी मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि फ़ेसबुक अपने यूज़र्स को प्राइवेट रहते हुए पोस्ट करने की आज़ादी देता है.

वो कहते हैं कि व्हाट्सऐप ग्रुप में कोरोना वायरस को लेकर किसे पता कितनी तरह की चर्चाएं हो रही हैं?

साल भर पहले मार्क ज़करबर्ग ने कहा था कि वो व्हाट्सऐप की तरह फ़ेसबुक पर भी वो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लाने के बारे में विचार कर रहे हैं.

वो मानते हैं कि भविष्य में सोशल मीडिया पर लोग इस भरोसे के साथ जानकारी शेयर करना चाहेंगे कि कोई तीसरा उनकी बात न पढ़-सुन न रहा हो, लेकिन भ्रामक जानकारियों को फैनले से रोकने में यही सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो सकती है.

BBC Hindi
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English summary
What is Facebook doing to stop the Coronavirus?
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