क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अजीब मेला, जहां लड़की लेकर भाग जाते हैं लड़के

Google Oneindia News

नयी दिल्ली। आपको गांव का मेला याद है। मेले का झूला, चुस्की, चाट-पकौड़ी सब होता है। मेला का ये रुप आपकी यादों में जरूर होगा, लेकिन आज जिस मेले की हम बात कर रहे हैं वो बड़ा ही अजीबो-गरीब है। इस मेले के खासियत है यहां की परंपरा। हर साल यहां मेला लगता है, दूर-दूर से लोग इस मेला को देखने आते है, लेकिन यहां एक ऐसा रिवाज है जिसके बारे में सुनकर सब चौंक जाते हैं।

दरअसल इस मेले में रिवाज है कि यहां जवान लड़की और लड़का अगर एक दूसरे को पसंद करते हैं, तो फिर अपना घर छोड़ के मेले से भाग जातें हैं। जानें कहां और कब लगता है ये मेला और क्यों लड़कियों को लेकर भाग जाते हैं लड़के...

पान खाकर प्यार का इजहार

पान खाकर प्यार का इजहार

ये मेला मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदाय हर साल मनाते होली से पहले लगता है। इसे भगोरिया पर्व के नाम से जाना जाता है। मध्य प्रदेश के झाबुआ, धार, खरगोन, अलीराजपुर जैसे आदिवासी बाहुल्य जिलों में ये मेला लगता है।

पान खाकर प्यार का इजहार

पान खाकर प्यार का इजहार

इन मेलों में लड़के मनपसंद हमसफर की तलाश करते हैं। लड़कों को जो भी लड़की पसंद आती है वो उसे पहले पान खिलाते हैं। फिर उसे गुलाल लगाते हैं। अगर लड़की ने भी उसी अंदाज में लड़के गाल पर गुलाल लगा दिया, तो लड़का और लड़की मेले से भाग जाते हैं।

पान खाकर प्यार का इजहार

पान खाकर प्यार का इजहार

चूंकि इस मेले में लड़के अपनी पसंद की लड़कियों को लेकर बाग जाते हैं इसलिए इसे 'भगोरिया पर्व' कहा जाता है। भागने वाले जोड़ों को पति-पत्नी के रूप में मान्यता दे दिया जाता है।

पान खाकर प्यार का इजहार

पान खाकर प्यार का इजहार

होली से पहले शुरू होकर मेला होली के दिन समाप्त हो जाता है। रवि फसलों की खेती पूरी होने पर इस पर्व को बड़े उल्लास से मनाया जाता है।

पान खाकर प्यार का इजहार

पान खाकर प्यार का इजहार

इस मेले की एक और खासियत है। इस मेले में आदिवासी लड़कियां हाथों में टैटू गुदवाती हैं। मध्य प्रदेसष में मनाया जाना वाला ये मेला अब धीरे-धीरे राजस्थान में भी मनाया जाने लगा है।

Comments
English summary
Tribals in Madhya Pradesh's Jhabua and Alirajpur districts have objected to the alleged distorted portrayal of the century-old Bhagoria fair which is widely publicized as a festival that allows young boys and girls to elope after choosing their partners.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X