अमेरिका में डॉक्टरों ने 57 साल के व्यक्ति में किया सुअर का दिल ट्रांसप्लांट, 7 घंटे तक चली सर्जरी
न्यूयॉर्क, जनवरी 11। डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप यूं ही नहीं कहा जाता। कई मौकों पर डॉक्टरों ने असंभव कार्य को संभव कर दिखाया है, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। ऐसा ही एक चमत्कार अमेरिका के डॉक्टरों ने किया है। जानकारी के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल के डॉक्टरों ने एक 57 साल के मरीज को सुअर का दिल ट्रांसप्लांट कर दिया है। ये सर्जरी शुक्रवार को की गई।
7 घंटे तक चली सर्जरी
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टरों ने 7 घंटे तक चली सफल सर्जरी में जेनेटिकली मॉडिफाइड सुअर के दिल को एक 57 साल के बुजुर्ग के शरीर में ट्रांसप्लांट कर दिया। सर्जरी के बाद मरीज की हालत में काफी सुधार हुआ है। हालांकि अभी डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन को लेकर कुछ कहा नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि अभी इंतजार करना होगा। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।
हार्ट की बीमारी से ग्रस्त था मरीज
सर्जरी करने वाले डॉक्टरों ने बताया है कि मैरीलैंड के रहने वाले डेविड बेनेट लंबे समय से हार्ट की बीमारी से ग्रस्त थे। उनकी तकलीफ काफी बढ़ती ही जा रही थी। आखिरकार डॉक्टरों ने विकल्प के तौर पर सुअर का दिल डेविड बेनेट को ट्रांसप्लांट कर दिया। डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद जब बेनेट को इस बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि मेरे पास दो ही ऑप्शन थे या तो मौत या फिर ट्रांसप्लांट और अब मैं जिंदा हूं।
सर्जरी करने वाले डॉक्टरों ने क्या कहा
वहीं सर्जरी करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि इस सर्जरी के बाद हमें हर दिन नई जानकारी मरीज की ओर से मिल रही है। हमें इस ट्रांसप्लांट को करके बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि सुअर के हार्ट के वॉल्व का भी इंसानों के लिए दशकों से सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जाता रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर ये सर्जरी सफल रहती है तो ये विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी कामयाबी होगी।
डॉक्टरों ने सुअर का दिल ही क्यों किया ट्रांसप्लांट?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुअर का दिल इंसान में ट्रांसप्लांट करने के लिए सबसे उपयुक्त होता है, लेकिन सुअर के सेल्स में एक अल्फा-गल शुगर सेल होता है। इस सेल को इंसान का शरीर स्वीकार नहीं कर पाता। इसकी वजह से मरीज की मौत भी हो सकती है। इस समस्या को ही दूर करने के लिए ही पहले सुअर को जेनेटिकली मॉडिफाई किया जाता है। गया।
आपको बता दें कि न्यूयॉर्क में पिछले साल सितंबर में एनवाईयू लैंगोन हेल्थ सेंटर में कुछ रिसर्चर ने इसी तरह का एक एक्सपेरिमेंट किया था, जहां डॉक्टरों ने एक सुअर की किडनी को एक मरे हुए इंसान के शरीर में ट्रांसप्लांट किया था।