Weird Villages: करोड़पतियों से लेकर, बेचलर्स तक... मशहूर हैं भारत के ये अजब-गजब गांव
Unusual villages of India: अगर आपको तरह-तरह के गांवों को एक्सप्लोर करना है, तो भारत सबसे अच्छी जगह है। यहां ऐसे ऐसे गांव हैं, जिनके बारे में जानने के बाद आप एक बार को हैरत में पड़ जाएंगे।
Weird Villages of India: अलग-अलग गांवों के बारे में जानने के लिए भारत से अच्छी जगह कोई हो ही नहीं सकती। हमारे देश में कई ऐसे गांव और ऐसी जगहें हैं, जिनके बारे में आज भी किसी को नहीं मालूम। कई गांव अपनी खूबसूरती के लिए फेमस हैं, तो कई गांव ऐसे हैं, जो अपने अजब गजब रिवाजों के लिए जाने जाते हैं। तो कई गांव ऐसे भी हैं जहां एक ही तरह के लोग रहते हैं। कई गांव शहर से तो दूर हैं, लेकिन यहां लोगों के पास इतना पैसा है, जितना आप सपने में भी नहीं सोच सकते। आज हम आपको ऐसे ही एक गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां सिर्फ करोड़पति लोग रहते हैं। जी हां! इतने अमीर निवासियों के चलते ये गांव हमेशा ही सुर्खियों में रहता है। सोचिये यहां लोगों के पास इतना पैसा है, तो इन गावों में सुख सुविधाएं कितनी अच्छी होंगी। इसके अलावा भी कई गांव हैं, जो अपनी अलग-अलग विशेषताओं को लेकर सुर्खियों में रहते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि भारत में गांवों की संख्या बहुत ज्यादा है। यहां हजारों की संख्या में गांव है। यहां हर गांव की अपनी विशेषता है। कई गांव अपनी साफ-सफाई, तो कई गांव अलग तरह के लोगों को लेकर चर्चा में रहते हैं। आज हम इसी तरह के अलग-अलग गांवों के बारे में बात करेंगे।
मत्तूर
गांव,
कर्नाटक
ये
गांव
कर्नाटक
के
शिवमोग्गा
जिले
में
है,
जहां
के
ज्यादातर
लोग
अपनी
रोजमर्रा
की
जिंदगी
में
संस्कृत
बोलते
हैं।
भले
ही
कर्नाटक
की
आधिकारिक
भाषा
कन्नड़
है,
लेकिन
इस
गांव
के
निवासी
संस्कृत
भाषा
बोलते
हैं।
अगर
आपको
फिर
भी
लगता
है
कि
इसमें
असामान्य
बात
क्या
है,
तो
बता
दें
कि
संस्कृत
बहुत
पुरानी
भाषा
है,
जो
काफी
कठिन
है
और
अब
लोग
नहीं
बोलते
हैं।
लेकिन
ये
अब
भारत
के
सांस्कृतिक
समारोहों
तक
ही
अब
सीमित
रह
गई
है।
लेकिन
मत्तूर
गांव
के
निवासियों
के
लिए
ये
बेहद
आम
है।
लोंगवा
गांव,
नागालैंड
लोंगवा
नागालैंड
के
मोन
जिले
में
स्थित
है।
ये
राज्य
के
सबसे
बड़े
गांवों
में
से
एक
है।
ये
भी
एक
कारण
है
कि
इसे
गांवों
की
सूची
में
शामिल
नहीं
किया
गया
है।
ये
गांव
भारत
और
म्यांमार
के
बीच
स्थित
है।
इस
गांव
के
मुखिया
को
राजा
या
अंघ
के
नाम
से
भी
जाना
जाता
है।
अगर
आप
अंघ
या
राजा
के
घर
में
बैठे
हैं,
तो
समझिये
कि
एक
ही
वक्त
में
भारत
और
म्यांमार
में
हो
सकते
हैं।
यही
कारण
है
कि
यहां
के
निवासियों
के
पास
दोहरी
नागरिकता
है।
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बड़वां
कला
गांव,
बिहार
आपको
जानकर
हैरानी
होगी
कि
बिहार
के
इस
गांव
में
2017
तक
शादियां
हुई
ही
नहीं
थी।
लंबे
समय
तक
ये
गांव
सिर्फ
अविवाहितों
यानी
कि
बेचलर्स
का
ही
था।
ये
बात
बहुत
अजीब
है
लेकिन
सच
भी।
इतने
सारे
अविवाहित
पुरुषों
के
कारण
ही
गांव
काफी
चर्चा
में
रहता
था।
इसका
कारण
2017
से
पहले
गांव
में
सड़कों
का
ना
होना
था।
लड़कियों
के
परिवार
इस
बात
से
डर
जाते
थे
कि
इतना
पैदल
चलना
पड़ेगा।
हालांकि,
फिर
आखिरकार
सड़क
खोदकर
यहां
विकास
हुआ,
जिसके
बाद
यहां
शादियां
भी
हो
पाईं।
शनि
शिंगनापुर
गांव,
महाराष्ट्र
अकसर
हम
अपने
घर
से
बाहर
जाते
हुए
ये
चेक
करना
नहीं
भूलते
कि
दरवाजा
सही
से
बंद
है
भी
या
नहीं।
क्या
हम
सेफ
हैं?
वगैरह
वगैरह।
लेकिन
महाराष्ट्र
के
शनि
शिंगनापुर
गांव
के
लोग
इस
बात
से
बेखौफ
हैं।
उन्हें
किसी
भी
तरह
की
चिंता
नहीं
है।
ये
गांव
बिना
दरवाजे
वाले
घरों
के
लिए
प्रसिद्ध
है।
इस
गांव
के
निवासी
शनि
देवता
के
प्रति
पूरी
आस्था
रखते
हैं।
इनका
मानना
है
कि
अगर
इस
गांव
का
कोई
शख्स
दूसरे
व्यक्ति
को
नुकसान
पहुंचाएगा,
तो
उसे
शनि
देव
का
प्रकोप
झेलना
पड़ेगा।
हिवरे
बाजार
गांव,
महाराष्ट्र
जरूरी
नहीं
कि
अगर
कोई
शख्स
गांव
में
रह
रहा
हो,
तो
वो
गरीब
ही
हो।
ये
बात
साबित
की
है,
महाराष्ट्र
के
अहमदनगर
जिले
के
हिवरे
बाजार
गांव
के
लोगों
ने।
ये
गांव
करोड़पतियों
के
गांव
के
नाम
से
मशहूर
है।
इस
गांव
में
50
से
भी
ज्यादा
करोड़पति
लोग
हैं।
विकास
और
सही
तरीके
के
प्रबंधन
ने
इस
गांव
में
कई
निवासियों
की
जिंदगी
को
आसान
बनाया
है।
ये
भारत
के
आदर्श
गांवों
में
से
एक
है।
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