Video: हमारी पहली डेट 8 घंटे चली...बेहद शानदार है शादी रचाने वाले पहले समलैंगिक जोड़े की लव स्टोरी
तेलंगाना में शादी रचाने वाला पहला समलैंगिक कपल, जिनकी शादी हाल ही में सुर्खियों का हिस्सा रही थी, एक बार फिर से चर्चा में है। दोनों ने अपनी लव स्टोरी बयां की है।
हैदराबाद, 2 दिसंबर। तेलंगाना में शादी रचाने वाला पहला समलैंगिक कपल, जिनकी शादी हाल ही में सुर्खियों का हिस्सा रही थी, एक बार फिर से चर्चा में है। दिल्ली के अभय डांगे (34) और पश्चिम बंगाल के सुप्रियो चक्रवर्ती (31) ने 8 साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद शादी कर ली थी। अब इस जोड़े ने अपनी लवस्टोरी शेयर की है, जो इंटरनेट पर चर्चा बटोर रही है।
कॉफी हाउस से शुरू होकर सैलून में खत्म हुई पहली डेट
ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर दोनों की शादी के कुछ पल और कार्यक्रमों को दिखाया गया है। वीडियो के कैप्शन में दोनों की पूरी लवस्टोरी बयां की गई है। वीडियो का शीर्षक कुछ यूं शुरू होता है- अभय के साथ मेरी पहली डेट सात घंटों से ज्यादा समय तक चली! जो कॉपी पीने से शुरू हुई और एक सैलून में खत्म हुई जहां अभय ने अपने बाल कटाए। डेट की शुरुआत काफी अच्छी थी। इसके बाद हम एक के बाद एक कई सारी डेट्स पर गए। मैं उनकी तरफ आकर्षित होता जा रहा था, लेकिन फिर भी हम दोनों एक सीमा से बंधे हुए थे। वह (अभय) अंतर्मुखी हैं जबकि मैं मुंहफट इंसान हूं। लेकिन हमारे मूल्य समान हैं और हम दोनों ही पारिवारिक इंसान हैं। इसलिए अभय ने हम दोनों के संबंधों के बारे में अपने घरवालों को बता दिया। उन्होंने हमें आशीर्वाद दिया और हमारे फैसले का स्वागत किया।
मां और पापा का मिला पूरा साथ
अब हम दोनों की रिलेशनशिप के बार में अपने घरवालों को बताने की बारी मेरी थी। मैंने मां को हैदराबाद बुलाया। इसके बाद मैंने मां को घर पर समझाया कि मां मैं गे हूं और अभय मेरे साथी हैं। इसके बाद मां ने हम दोनों को गले से लगा लिया। इससे मुझे बहुत शांति मिली। उन्होंने हमें हिम्मत दी और उनकी मदद से मैंने अपने पिता और बहन से अपने रिलेशन को लेकर बात की। पापा ने कहा कि यदि तुम खुश को हमें क्या दिक्कत है।
मैं अभय को अपना पति बनाने के सपने देखने लगा था मगर कानूनी अड़चनें थीं
जैसे-2 हमारा प्यार परवान चढ़ता गया हम अपने प्यार की सालगिरह मनाते थे। मैं अभय को अपना पति बनाने के सपने देखने लगा था, लेकिन कानून हमें इसकी इजाजत नहीं देता था और भारत के कानून की अड़चनों की वजह से मुझे यह सपना हकीकत से काफी दूर नजर आता था। अप्रैल 2021 में हम दोनों कोरोना पॉजिटिव हो गए, हालांकि अभय असिम्टोमेटिक थे, लेकिन मुझे तेज बुखार था। उस वक्त अभय ने भी मेरी देखभाल की। इसी बीच मौका देखकर मैंने अभय को बोल दिया कि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं। अभय ने कहा कि हां, मगर कैसे। इससे मैं बहुत दुखी हो गया। मैंने उन्हें भरोसा दिया कि कानूनी प्रक्रिया मायने नहीं रखती, हमारे परिवार वाले राजी हैं, चलो हम शादी कर लेते हैं और आखिरकार अभय ने हां कर दी। हमने दिसंबर में परिवारवालों के सामने शादी करने का फैसला किया।
आज में बड़े गर्व से कहता हूं कि अभय मेरे पति हैं।
हमारी शादी में वे सभी कार्यक्रम हुए जो एक आम शादी में होते हैं। महंद...संगीत से लेकर सब कुछ। अपनी शादी के दिन हमने अपनी पुरानी घड़ियां पहनीं और जीवन भर एक-दूसरे के ऐसे ही साथ देने की कसमें खाईं। शादी का द दिन हमारी जिंदगी का सबसे हसीन दिन था, हमारे चारों तरफ खड़े लोग हमें आशीर्वाद दे रहे थे, यह सब कुछ जादूई था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा सपना सच हो जाएगा, लेकिय ये हुआ। अभय और मैंने यह कर दिखाया। हम दोनों साथ रहते हैं और आज में बड़े गर्व से अभय को अपना पति बताता हूं।