14 साल की मॉडल की ओवरटाइम से मौत, मां को बोला था 'थक गई हूं, सोना चाहती हूं'
अभी कुछ दिनों पहले ही एक जापानी रिपोर्टर की ओवरटाइम करने से मौत हो गई थी। इस मौत के बाद काम के घंटों पर एक बार फिर बहस शुरू हुई थी लेकिन इसका कुछ फायदा नहीं हुआ। चीन में ज्यादा काम करने के चलते एक मॉडल की मौत हो गई है। ये मॉडल सिर्फ 14 साल की थी।
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शंघाई। अभी कुछ दिनों पहले ही एक जापानी रिपोर्टर की ओवरटाइम करने से मौत हो गई थी। इस मौत के बाद काम के घंटों पर एक बार फिर बहस शुरू हुई थी लेकिन इसका कुछ फायदा नहीं हुआ। चीन में ज्यादा काम करने के चलते एक मॉडल की मौत हो गई है। ये मॉडल सिर्फ 14 साल की थी। रूस से काम के सिलसिले में चीन गई व्लादा लगातार काम कर रहीं थी जिसके कारण उनकी मौत हो गई।
हफ्तों से काम कर रही थी व्लादा
14 साल की व्लादा मॉडलिंग की दुनिया में बड़ा नाम कमाना चाहती थीं। उन्हें चीन में एक मॉडलिंग असाइनमेंट मिला। ये असाइनमेंट तीन महीने के लिए था। शंघाई में वो फैशन शो की तैयारी कर रहीं थीं। वो 12 घंटे से लगातार काम कर रहीं थीं। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वो जमीन पर गिर पड़ीं। व्लादा को फौरन अस्पताल ले जाया गया।
काम कर-कर के थक गई थी व्लादा, मां से किया था शेयर
दो दिन तक अस्पताल में रहने के बाद व्लादा ने अपना दम तोड़ दिया। मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक वो काफी ज्यादा काम कर रहीं थीं और थक गईं थीं। व्लादा की मौत की खबर सुन उनकी मां भी सदमे में हैं। उनकी मां ने कहा कि व्लादा फोन पर कहती थी कि वो बहुत थकी हुई है और सोना चाहती है। कहा जा रहा है कि व्लादा एक मॉडल के जैसे नहीं, बल्कि एक स्लेव की तरह काम कर रहीं थीं।
व्लादा की मौत ने एक बार फिर खड़े किए सवाल
व्लादा की मौत पर चीन में काम करने के तरीके पर सवाल खड़े हो गए हैं। रूस चीन से जवाब मांग रहा है कि आखिर व्लादा कैसे माहौल में काम कर रहीं थीं। दुनिया में ओवरटाइम से ये पहली मौत नहीं है। कुछ वक्त पहले जापानी रिपोर्टर की मौत ने सभी को चौंका दिया था। रिपोर्टर ने महीने में 159 घंटे ज्यादा काम किया था जिसके कारण स्ट्रेस बढ़ने से उन्हें हार्ट अटैक आया था।
ओवरटाइम से हर साल होती हैं कई मौतें
हर साल ज्यादा काम करने से कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इसे जापानी भाषा में 'कारोशी' कहते हैं यानि ओवरटाइम से मौत। कारोशी का कारण हार्ट अटैक, स्ट्रेस के कारण स्ट्रोक और ज्यादा समय तक भूखे रहना हो सकता है। कई युवा इन बीमारियों का शिकार होते हैं और कई आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लेते हैं।
भारत, जापान, चीन काम के मामले में सबसे बेकार
कई वेबसाइट्स के सर्वे के मुताबिक आजकल काम करने वाले लोगों में से 10 में 8 स्ट्रेस से जूझ रहे हैं। स्ट्रेस, एंग्जाइटी, पैनिक अटैक्स इन लोगों की जिंदगी का आम हिस्सा बन गया है। कई देशों ने अपने यहां वर्क कल्चर सुधारने के लिए कदम भी उठाए हैं। फ्रांस, द नीदरलैंड्स, जर्मनी, न्यूजीलैंड्स जैसे देशों ने अपने यहां काम के घंटे कम किए हैं, वहीं जापान, चीन, साउथ कोरिया, भारत, अमेरिका में अभी भी लोग रोजाना 10 घंटे से ऊपर काम करते हैं। भारत में भी 30 साल से कम उम्र के युवाओं में हार्ट अटैक के केस बढ़े हैं। इनमे से अधिकतर को स्ट्रेस के कारण हार्ट अटैक आया था।
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