जानिए कौन है ये शख्स, चेहरा देख मां-बाप ने पैदा होते ही छोड़ा, आज दुनिया को सिखा रहा जीने का सलीका
नई दिल्ली। Jono Lancaster Story: दुनियाभर में कई ऐसे बच्चों का जन्म होता है जो शारीरिक या मानसिक रूप से असामान्य होते हैं। इनमें से कई खुशनसीब बच्चों को उनके माता-पिता ऊपर वाले की मर्जी समझ अपना लेते हैं लेकिन कुछ दंपति ऐसे बच्चों को दूसरों के सहारे छोड़ देते हैं। कनाडा (Canada) के रहने वाले जोनो लैंकेस्टर को भी पैदा होते ही अपने माता-पिता की बेरुखी का सामना करना पड़ा। जोनो लैंकेस्टर (Jono Lancaster) को बचपन से ही बेहद दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर (genetic disorder) है, जिसके चलते उनका चेहरा दूसरों से अलग है।
पैदा होती ही माता-पिता ने छोड़ा
जोनो लैंकेस्टर की कहानी किसी के लिए भी प्रेरणा दायक साबिह हो सकती है। जोनो को बचपन से ही दूसरे बच्चों से अलग देखा गया, आप उनकी हालत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पैदा होने के 36 घंटे बाद ही जोनो के माता-पिता ने उन्हें अपनाने से इनकार कर दिया और एडॉप्शन के लिए दे दिया था। वर्तमान में 26 वर्षीय जोनो लैंकेस्टर दूसरों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं।
जोनो के गालों में नहीं है हड्डियां
जोनो जब पैदा हुए तो वह ट्रेचर कोलिन्स (Treacher Collins syndrome) नाम की दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर का सामना कर रहे थे। इस बीमारी के चलते उनके गालों की हड्डियां नहीं हैं। अपना चेहरा ठीक कराने के लिए उन्होंने कई सर्जरी का सामना भी किया लेकिन ज्यादा कोई बदलाव चेहरे पर नहीं आया। जोनो को अपने असामान्य चेहरे को लेकर लोगों के मजाक का भी सामना करना पड़ता था, उन्होंने जिंदगी का लंबा समय तनाव में बिताया। हालांकि उन्होंने कभी भी परिस्थितियों के आगे घुटने नहीं टेके।
नौकरी मिलने के बाद बढ़ा आत्मविश्वास
जोनो की जिंदगी में उस समय बदलाव आया जब उन्हें रिफ्लेक्स बार में नौकरी मिली। इस जॉब के बाद जोनो का आत्मविश्वास बढ़ा और फिर उन्होंने अपने शरीर पर काम करना शुरू किया और खुद को फिटनेस क्षेत्र में ले आए। शुरू-शुरू में जोनो काफी शर्मीले थे, किसी से बात करने में घबराहट होती थी। लेकिन जब उन्होंने लोगों से अपनी जर्नी के शेयर करना शुरू किया तो जोनो को हिम्मत मिली। वर्तमान में जोनो दुनियाभर के कई देशों में जाकर वहां के स्कूलों में जेनेटिक डिसऑर्डर से ग्रस्त लोगों की हिम्मत बढ़ा रहे हैं।
फाउंडेशन से बच्चों की मदद कर रहे जोनो
जोनो को खुद को भी स्वीकार करने में 22 साल का समय लगा, उन्हें पहले अपने चेहरे से नफरत थी। शारीरिक और आर्थिक क्षेत्र में मजबूत होने के बाद जोनो ने कई टीवी शो में काम किया। अब वह अपना खुद का फाउंडेशन चला रहे हैं, जोनो के मुताबिक योगा और मेडिटेशन से उन्हें कई फायदे मिले हैं। जोनो की फाउंडेशन को जीन्स फॉर जींस संस्था का भी सपोर्ट मिला है, यह संस्था जेनेटिक डिसऑर्डर से ग्रसित बच्चों के लिए फंड इकट्ठा करती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 25 में से एक बच्चों को जेनेटिक डिसऑर्डर की समस्या होती है।
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