क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जानें, कोरोना वायरस कैसे और किन जानवरों से इंसानों में आया?

चीन के किसी इलाक़े में एक चमगादड़ ने आकाश में मंडराते हुए अपने लीद के ज़रिए कोरोना वायरस का अवशेष छोड़ा जो जंगल में ज़मीन पर गिरा. एक जंगली जानवर, संभवतः पैंगोलिन ने इसे सूंघा और उसी के ज़रिए बाक़ी के जानवरों में यह फैल गया.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
पैंगोलीन
Getty Images
पैंगोलीन

पिछले साल चीन में तस्करी करके लाए गए पैंगोलिन में ऐसे वायरस मिलने की पुष्टि हुई थी, जो पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस से मेल खाते हैं.

एक अंतरराष्ट्रीय टीम का कहना था कि भविष्य में इस तरह के संक्रमण टालने हैं तो जंगली जीवों के बाज़ारों में जानवरों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा देनी चाहिए.

पैंगोलिन ऐसा स्तनपायी जीव है जिसकी खाने और पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल के लिए सबसे अधिक अवैध तस्करी होती है.

चमगादड़ों को कोरोना वायरस का मूल स्रोत समझा जा रहा है जिनसे किसी अन्य जीव के माध्यम से कोरोना वायरस इंसानों तक पहुंचा. नेचर जर्नल में प्रकाशित एक नए शोध पत्र में शोधकर्ताओं ने कहा है कि उनका जेनेटिक डेटा दिखाता है कि 'इन जानवरों को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए और बाज़ारों में इनकी बिक्री पर कड़ी पाबंदी लगनी चाहिए.'

शोधकर्ताओं के अनुसार, चीन और दक्षिणपूर्व एशिया के जंगलों में पाए जाने वाले पैंगोलिनों पर अतिरिक्त नज़र रखे जाने की ज़रूरत है ताकि कोरोना वायरस के उभरने में उनकी भूमिका और भविष्य में इसांनों में उनके संक्रमण के ख़तरे के बारे में पता लगाने के बारे में समझ बनाई जा सके.

माना जाता है कि चींटिया खाने वाले इस स्तनपायी जीव की पूरी दुनिया में सबसे अधिक तस्करी होती है और इस कारण यह विलुप्त होने की कगार पर भी है.

इस जीव की खाल एशिया में पारंपरिक चीनी दवाएं बनाने में ख़ासी मांग में रहती है. पैंगोलिन के मांस को कुछ लोग स्वादिष्ट मानते हैं.

कैसे फैला कोरोना

चीन के किसी इलाक़े में एक चमगादड़ ने आकाश में मंडराते हुए अपने लीद के ज़रिए कोरोना वायरस का अवशेष छोड़ा जो जंगल में ज़मीन पर गिरा. एक जंगली जानवर, संभवतः पैंगोलिन ने इसे सूंघा और उसी के ज़रिए बाक़ी के जानवरों में यह फैल गया.

संक्रमित जानवर इंसान के संपर्क में आया और एक व्यक्ति में उससे वो बीमारी आ गई. इसके बाद वाइल्ड लाइफ़ मार्केट के कामगारों में यह फैलने लगी और इसी से वैश्विक संक्रमण का जन्म हुआ.

वैज्ञानिक इस कहानी को साबित करने की कोशिश कर रहे थे कि कोरोना वायरस जानवरों से फैला. ज़ूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन के प्रोफ़ेसर एंड्र्यू कनिंगम कहते हैं कि घटनाओं की कड़ी जोड़ी जा रही है. वो कहते हैं कि यह खोज 'जासूसी कहानी' की तरह मालूम पड़ती है.

कनिंगम के अनुसार कई जंगली जानवर कोरोना वायरस के स्रोत हो सकते हैं लेकिन ख़ासकर चमगादड़ बड़ी संख्या में अलग-अलग तरह के कोरोना वायरस के अड्डा होते हैं.

लेकिन हमलोग इसके संक्रमण या फैलने के बारे में कितना जानते हैं? जब वैज्ञानिक नए वायरस को मरीज़ के शरीर में समझ पाएंगे तो चीन के चमगादड़ों को लेकर स्थिति साफ़ हो पाएगी.

कोरोना वायरस
Getty Images
कोरोना वायरस

स्तनपायी जानवर हर महाद्वीप में पाए जाते हैं. ये विरले ही ख़ुद से बीमार पड़ते हैं लेकिन ये रोगाणु बहुत तेज़ी से फैलाते हैं. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के प्रोफ़ेसर केट जोनस के अनुसार इस बात के प्रमाण हैं कि चमगादड़ों ने ख़ुद को कई मामलों में बदला है. वो कहते हैं, ''चमगादड़ बीमार पड़ते हैं तो बड़ी संख्या में विषाणुओं से टकराते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि चमगादड़ जैसे रहते हैं, उसमें विषाणु ख़ूब पनपते हैं.''

यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंगम के प्रोफ़ेसर जोनाथन बॉल कहते हैं कि ये स्तनपायी होते हैं इसलिए आशंका होती है कि ये या तो इंसान को सीधे संक्रमित कर सकते हैं या फिर किसी और के ज़रिए.''

दूसरी पहेली है एक रहस्मय जानवर की पहचान को लेकर जिसके शरीर से कोरोना वायरस का संक्रमण चीन के वुहान में फैला. इनमें एक संदिग्ध है पैंगोलिन. पैंगोलिन के बारे में कहा जाता है कि दुनिया भर में सबसे ज़्यादा इसकी तस्करी होती है. यह विलुप्त होने की कगार पर है.

एशिया में इसकी सबसे ज़्यादा मांग है. पारंपरिक चीनी दवाइयों के निर्माण में इसका इसका इस्तेमाल होता है. कई लोग इसका मांस भी बड़े चाव से खाते हैं. कोरोना वायरस पैंगोलिन में पाया गया है. कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि यह नोवल ह्यूमन वायरस से मिलता-जुलता है. इंसानों में संक्रमण फैलने से पहले क्या चमगादड़ और पैंगोलिन के विषाणु में अनुवांशिकी आदान-प्रदान हुआ था?

कोरोना वायरस
Getty Images
कोरोना वायरस

विशेषज्ञ इस मामले में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने को लेकर एहतियात बरत रहे हैं. पैंगोलिन पर हुई स्टडी का पूरा डेटा अभी जारी नहीं किया गया है. ऐसे में इसकी पुष्टि करना मुश्किल है.

प्रोफ़ेसर कनिंगम कहते हैं कि पैंगोलिन की पृष्ठभूमि और उससे जुड़ा शोध काफ़ी अहम है. मिसाल के तौर पर जानवरों को कहां से लिया गया या फिर कोई एक जानवर को कहीं से लिया गया या फिर मांस के बाज़ार से.

पैंगोलिन और अन्य वन्य जीव जिनमें चमगादड़ की कई प्रजातियां भी शामिल हैं, ये सभी मांस के बाज़ार में बिकते हैं. प्रोफेसर कनिंगम कहते हैं कि यहां विषाणुओ को एक जीव से दूसरे जीव में जाने का मौक़ा मिलता है. वो कहते हैं, ''वेट मार्केट यानी मांस का बाज़ार एक जीव से दूसरे जीव में रोगाणु फैलाने का सबसे उत्तम अड्डा होता है. यहां इंसान भी संक्रमित होते हैं.''

चीन
Getty Images
चीन

कोरोना वायरस फैलने के बाद चीन के वुहान का यह मार्केट बंद कर दिया गया. यहां एक वन्य जीव सेक्शन था, जहां अलग-अलग जानवर ज़िंदा और उनके कटे मांस बेचे जाते थे. यहां ऊंट, कोआला और पक्षियों के मांस भी मिलते थे.

'द गार्डियन' की रिपोर्ट्स के अनुसार वुहान में एक दुकान पर भेड़िये का बच्चा, झींगुर, बिच्छू, चूहा, गिलहरी, लोमड़ी, सीविट, जंगली चूहे, सैलमैन्डर, कछुए और घड़ियाल के मांस मिलते थे.

जहां तक हमें पता है कि चमगादड़ और पैंगोलिन्स यहां लिस्टेड नहीं हैं लेकिन चीन के पास इस बात की सूचना होगी कि यहां कौन-कौन से जानवर के मांस बेचे गए. प्रोफ़ेसर बॉल कहते हैं, ''अगर एक बार संक्रमण फैल गया तो आप जानना चाहते हैं कि यह फिर से होगा या नहीं क्योंकि सेहत के लिए यह बहुत ज़रूरी है. ऐसे में हमें यह जानना होता है कि किस जानवर की किस प्रजाति से संक्रमण फैला.''

कोरोना वायरस
Getty Images
कोरोना वायरस

हाल के बरसों में हम कई तरह के विषाणुओं के संपर्क में आए हैं. ईबोला, एचआईवी, सार्स और अब कोरोना वायरस. प्रोफ़ेसर जोनस कहते हैं कि वाइल्ड लाइफ़ से संक्रामक बीमारियों का बढ़ना शायद इंसान के लालच को भी दिखाता है. प्रोफ़ेसर जोनस के अनुसार इंसान इनके जीवन में अतिक्रमण कर रहा है. वो कहते हैं, ''पूरा लैंडस्केप बदल रहा है. नए विषाणुओं के संपर्क में इंसानों की आबादी जिस तरह से हाल के बरसों में आई है, वैसा अतीत में कभी नहीं हुआ.''

प्रोफ़ेसर कनिंगम कहते हैं, ''अगर हम जोखिमों के कारण को समझेंगे तो शुरुआत में ही चीज़ों को नियंत्रित कर सकते हैं.'' पर्यावरण और जंगलों की रक्षा की वकालत करने वालों का मानना है कि भले चमगादड़ विषाणुओं का स्रोत होता है लेकिन वो इकोसिस्टम के लिए ज़रूरी भी हैं. वो कहते हैं, ''कीटभक्षी चमगादड़ बड़ी संख्या में कीड़े-मकोड़े खाते हैं. ये मच्छर और फसलों को नुक़सान पहुंचाने वाले कीट-पतंगों को खाते हैं. वहीं फ्रूट चमगादड़ पेड़ों पर पराग छिड़कने और उसके बीज फैलाने का काम करते हैं. ज़ाहिर है कि बीमारी नियंत्रित करने के लिए इन्हें मारने की ज़रूरत नहीं पड़ती है.''

कोरोना वायरस
Getty Images
कोरोना वायरस

2002-3 में सार्स के बाद अभी के कोरोना वायरस की तरह ही हुआ था. सार्स के वक़्त भी वन्य जीवों के मार्केट को अस्थायी रूप से बैन किया गया था. लेकिन जल्द ही चीन, वियतनाम और दक्षिण-पूर्वी एशिया के दूसरे हिस्सों में वाइल्ड एनिमल मार्केट पर लगी पाबंदी ख़त्म हो गई थी. चीन ने एक बार फिर से वन्य जीवों से बने उत्पादों के कारोबार पर पाबंदी लगा दी है. इन उत्पादों का इस्तेमाल मुख्य रूप से खाने, फर और पारंपरिक दवाइयों में होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार की पाबंदी शायद हमेशा के लिए हो.

संभव है कि हम कभी नहीं जान पाएं कि आख़िर बीमारी फैलने और हज़ारों मौतों के लिए ज़िम्मेदार क्या था. यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया की प्रोफ़ेसर डायना बेल कहती हैं, ''हम सतर्क हो जाएं तो अगले ख़तरनाक विषाणु से बच सकते हैं. हम अलग-अलग देशों, विभिन्न जलवायु और भिन्न जीवन शैली वाले जानवरों को साथ ला रहे हैं. पानी में रहने वाले जीवों और पेड़ों पर रहने वाले जीवों का हम घालमेल कर रहे हैं. हमें ये सब रोकने की ज़रूरत है.''

कोरोना वायरस
BBC
कोरोना वायरस

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
how and from which animal coronavirus came into the human
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X