मकड़ी के काटने के बाद लड़की को करानी पड़ी सर्जरी, हालत देख डॉक्टरों ने कहा- 'ओह गॉड'
सिडनी, 30 जून। दुनियाभर में मकड़ी की सैकड़ों प्रजाति पायी जाती हैं, इनमें से कुछ तो हमारे और आपके घरों में ही रहती हैं। हालांकि घरों में मिलने वाली मकड़ियां आकार और स्वभाव में खतरनाक नहीं होतीं लेकिन कुछ ऐसी प्रजातियां भी होती हैं जिनका इंसानों से सामना ना हो तभी अच्छा है। जी हां वह ना सिर्फ साइज में बड़ी होती हैं बल्कि अगर किसी को काट लें तो उस शख्स की मौत भी हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया के वेल्स में छुट्टियां मना रही एक युवती के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जिसे मकड़ी के काटने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
मकड़ी के काटने से लड़की पहुंची अस्पताल
दरअसल, युवती अपने दोस्तों के साथ वेल्स में छुट्टियां बिताने गई थी जहां सोते समय उसे जहरीली मकड़ी ने काट लिया, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। 18 साल की एबी तन्नेटा मई में अपने माता-पिता के पैतृक घर में दोस्तों के साथ सो रही थी। अचानक रात में उसे अपनी बांह में दर्द महसूस हुआ, जब वह उठी तो अपने पास एक विशाल मकड़ी को देखकर डर के मारे थर-थर कांपने लगी। इसके बाद जो हुआ वह और भी डरा देने वाला था।
बेड पर थी बड़ी सी मकड़ी
स्थानीय मीडिया को बताते हुए एबी तन्नेटा ने कहा, 'मैं एक तेज दर्द के साथ उठी, जिसने मुझे गहरी नींद से जगा दिया था। मैंने जब अपनी बगल में देखा तो एक विशाल मकड़ी बेड पर से भाग रही थी। उसके काटने वाली जगह असहनीय दर्द हो रहा था, समय के साथ और बदतर हालत होती जा रही थी। मकड़ी के काटने से हाथ पर लाल और खुजलीवाला निशान बन गया था, दर्द इतना था कि मैं अपना हाथ भी नहीं उठा पा रही थी। इसके बाद मुझे चक्कर आने लगे और कमजोरी महसूस होने लगी।'
तीन दिन घर पर चला इलाज
एबी तन्नेटा ने कहा, 'मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई थी और घाव वाली जगह गोल्फ की गेंद जितना बड़ा गांठ बन गया।' मकड़ी के काटे जाने के तीन दिन बाद तक उसे डॉक्टरों द्वारा घर पर ही एंटीबायोटिक्स दीं गईं। हालांकि घाव से मवाद निकलने के दौरान उसे अस्पताल ले जाने का सुझाव भी दिया गया। एबी ने आगे बताया, 'जब तक मैं अस्पताल ले जाई जाती तब तक मेरी हालत खराब हो चुकी थी। मैं बुखार और कमजोरी से जूझ रही थी, मेरा ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन बहुत तेज धड़क रहा था।'
और देर होती तो बिगड़ सकती थी हालत
डॉक्टरों ने एबी के माता-पिता को बताया कि उसकी तुरंत सर्जरी करनी होगी। एबी ने बताया कि उसे सूई और खून से बेहद डर लगता है, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि अब और देर हुई तो यह सेप्सिस में बदल सकता है। एबी के मुताबिक डॉक्टर उसे तुरंत सर्जरी के लिए ओटी में ले गए। एबी की हालत इतनी खराब थी कि डॉक्टर उसे इंजेक्शन भी नहीं लगा पा रहे थे क्योंकि वह तेजी से कांप रही थी।
डॉक्टरों ने भी भगवान को किया याद
एबी बताती हैं कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उन्होंने डॉक्टरों को यह कहते हुए सना था, 'हे भगवान (ओह गॉड), ये सच में इसकी तो बुरी हालत है।' हालांकि सर्जरी सफल रही और अगले दिन एबी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उसने कहा, 'यह मुश्किल रहा है। ठीक होने के दौरान मुझे बहुत दर्द हुआ है। दर्द अब बहुत बेहतर है। सर्जरी के बाद, मुझे लगा कि मुझे छुरा घोंपा गया है, लेकिन अब दर्द खत्म हो गया है और मैं ठीक हो रही हूं।'
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