कपड़े से अंदर करनी पड़ती हैं इस बच्ची की आंखें!
पटना। इस सात वर्षीय लड़की का दर्द तुम क्या जानो साहब इसके लिए तो दिन और रात एक समान है। फिर भी मन में एक आस है कि खुले आसमानों में अकेले घूमने की लेकिन क्या करें लोग इसे अंधा और एलियन कहते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं सात वर्षीय गुड़िया शैली की, जो क्रोजन सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रसित है।
पढ़ें-
गुजरात
में
पैदा
हुआ
रहस्यमयी
बच्चा
इस बीमारी की वजह से उसके लिए दिन और रात एक समान है। क्योंकि जरा सी भी ठोकर लगने पर उसकी आंखें बाहर आ जाती हैं और वह दर्द से चिल्लाने लगती है। शैली ना तो ठीक से पढ़ पाती है और ना ही घर से बाहर निकल पाती है। ज्यादा देर पढ़ने के वजह से शैली के आंखो में दर्द होने लगता है।
घर
से
बाहर
निकलने
के
दौरान
रास्ते
में
बच्चे
उसे
एलियन
कहकर
चिढ़ाते
हैं।
यही
आलम
स्कूल
का
भी
है।
स्कूल
में
भी
शैली
को
बच्चे
एलियन
कह
कर
चिढ़ाने
लगते
हैं,
जिसकी
वजह
से
उसका
स्कूल
भी
जाना
बंद
करवा
दिया
गया
है।
अब हाल यह है कि शैली के मां-बाप शैली को लेकर सूबे के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिये भटक रहे हैं। लेकिन कहीं भी उसका सही इलाज नहीं हो पा रहा है। उसके परिजन काफी परेशान रहते हैं।
डॉक्टर बनना चाहती है शैली
शैली
की
मानें
तो
वो
पढ़
लिख
कर
डॉक्टर
बनना
चाहती
है।
लेकिन
वो
भी
जानती
है
कि
वह
पढ़
लिख
नहीं
सकती
है।
क्योंकि
उसे
एक
भयानक
बीमारी
ने
जकड़
लिया
है।
पटना के गर्दनीबाग की रहने वाली सात वर्षीय बच्ची शैली, जो क्रोजन सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रसित है, उसके पिता रिक्शा चालक हैं और मां गृहणी। शैली के मां बाप के पास इतना पैसा नहीं है कि वह अपनी बच्ची का इलाज किसी प्राइवेट हॉस्पिटल से करा सकें।
क्या होता है जब आंखें आ जाती हैं बाहर?
जरा
सी
भी
चोट
लगने
पर
शैली
की
आंखें
बाहर
आ
जाती
है।
और
शैली
जोर
जोर
से
चिल्लाते
हुए
बेहोश
हो
जाती
है।
आंखें
इतनी
बाहर
आ
जाती
हैं
कि
उसकी
मां
को
कपड़े
से
आंखों
को
भीतर
करना
पड़ता
है।
शैली
के
माता-पिता
को
आशा
है
कि
किसी
न
किसी
अस्पताल
में
इसका
इजाज
जरूर
होगा।
खैर हमें यह तो पता है कि आप शैली के लिये कुछ कर नहीं सकते, लेकिन एक बार उसके लिये दुआ जरूर कीजियेगा कि वो ठीक हो जाये। आगे पढ़ें- जब आरी से इंसान के कर दिये जाते थे दो टुकड़े!