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एस्‍ट्रोनॉट के पेशाब से बने पोषक तत्व इस्तेमाल कर सकेंगे आप

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नई दिल्ली। बहुत जल्द आपके सामने ऐसे प्रोडक्ट होंगे जो पेशाब से बनाए जाएंगे। जी हां वैज्ञानिक बहुत जल्द अंतरिक्षयात्रियों की पेशाब से पोषक तत्व और प्लास्टिक बनाने जा रहे है। दरअसल वैज्ञानिकों से स्पेस में रहने के दौरान एस्ट्रोनॉट्स के पेशाब को रिलायकल करने का तरीका खोज निकाला है। अब एस्ट्रोनॉट्स के पेशाब से फूड प्रोडक्ट और प्लास्टिक बनाने की तैयारी कर रहे है।

पेशाब से बनेंगे फूड प्रोडक्ट

पेशाब से बनेंगे फूड प्रोडक्ट


स्पेस में रहने के दौरान अंतरिक्षयात्रियों के यूरिन को वहां नहीं फेंका जा सकता, क्योंकि जितने ज्यादा अवशेष अंतरिक्ष में या फिर स्पेस स्टेशन में छोड़ेंगे उसे धरती पर लाने में उतनी ही ज्यादा ईंधन की खपत होगी। ऐसे में सालों तक स्पेस में रहने वाले अंतरिक्षयात्रियों के पेशाब को दोबारा से इस्तेमाल और रिसायकल करने का तरीका निकला जरूरी था। अमेरिका के क्लेमसन यूनिर्सिटी के प्रोफेसर मार्क ए ब्लेनर के मुताबिक इस समस्या का हल अंतरिक्षयात्रियों के पास ही छुपा है।

वैज्ञानिकों ने खोजा तरीका

वैज्ञानिकों ने खोजा तरीका


ब्लेनर के मुताबिक स्पेस में अंतरिक्षयात्री धरती की तरह कचरा नहीं फेंक सकते। ऐसे में उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए अपशिष्ट अणुओं का इस्तेमाल से दोबारा से फूड प्रोडक्ट और प्लास्टिक बनाने का किया जा सकता है। ये प्रोडक्ट एस्ट्रोनॉट्स के काम आने वाले प्रदार्थों में शामिल है।

यूरीन से बनेगा omega-3 फैटी एसिड

यूरीन से बनेगा omega-3 फैटी एसिड


ब्लेनर करते हैं कि एस्ट्रोनॉट्स को बायोलॉजिकल सिस्टम को समझना होगा। उन्हें क्या जरूरत हैं और उसे कैसे तैयार किया जा सकता है। इसे समझना उनके इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी है। इस बायोलॉजिक सिस्टम में विभिन्न तरह के यीस्ट और यरोविया लिपोलिटिका जैसे सबस्टांस हैं। वैज्ञानिकों ने खोजा कि यीस्ट ऐसा जीवाणु हैं जो बढ़ने के लिए नाइट्रोजन का इस्तेमाल यूरीन से कर सकता है। वहीं वो अपने लिए CO2 एस्ट्रोनॉट्स के छोड़ें हुए श्वास और वातावऱण से लेकर इस्तेमाल कर सकता है। ये यीस्ट omega-3 फैटी एसिड का निर्माण करते हैं। जो हर्ट, आंख और दिमाग के विकास में सहायक होता है।

पेशाब से तैयार होगी प्लास्टिक

पेशाब से तैयार होगी प्लास्टिक


वहीं दूसरे तरह का यीस्ट मोनोमर्स को लिंक कर पॉलीस्टर बनाने में काम आता है। ये पोलीस्टर 3जी प्रिंटर और प्लास्टिक पार्टस के निर्माण में सहायक होते हैं। वैज्ञानिक अब इन प्रदार्थों को अलग-अलग तरह से इस्तेमाल के योग्य बनाने के लिए रिसर्च कर रहे हैं।

पेशाब से बनाई शराब

पेशाब से बनाई शराब

आपको बता दें कि एक डेनिश शराब कंपनी नोरब्रो ने पिसनर नाम से एक नई बियर बनाई । इस बियर की खासियत ये है कि ये एक म्यूजिक फेस्टिवल से इकठ्ठा किए गए 50 हजार लीटर पेशाब से बनाई गई थी।

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English summary
Scientists have found a way to recycle human urine into food supplements and plastics, an advance that may make long duration space trips more feasible.
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