14 साल से घर नहीं गया एक शख्स, एयरपोर्ट को ही बनाया आशियाना, परिवार से इस वजह से हुआ दूर
बीजिंग, 30 मार्च: चीन के बीजिंग कैपिटल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 60 साल का एक आदमी पिछले 14 वर्षों से डेरा डाले हुए है। उसका अपना घर एयरपोर्ट से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। घर पर परिवार वाले भी हैं, लेकिन वह वहां जाने का नाम भी नहीं लेना चाहता। वेई जिआंगुओ नाम का वह व्यक्ति आखिरकार एयरपोर्ट के वेटिंग एरिया में शिफ्ट होने से पहले रेलवे स्टेशनों पर भी रातें गुजार चुका है। जिस दिन वह घर से निकला था, वह अपने साथ एक इलेक्ट्रिक कूकर लेकर आया था और उसी के दम उसने इतने वर्षों से एयरपोर्ट पर ही मोबाइल किचन बना रखा है। वह वहीं से चीजें खरीदता है, वहीं पर बनाता है और अपनी जिंदगी आजादी (वह ऐसा कहता है) से जी रहा है।
'घर नहीं जाना चाहता, क्योंकि वहां आजादी नहीं है'
वेई जिआंगुओ जब 46 साल के थे, तब वह आखिरी बार अपने घर से निकले और अब 60 साल के हो चुके हैं, लेकिन कभी घर नहीं जाते। उन्होंने चीन के बीजिंग के कैपिटल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के वेटिंग एरिया को ही अपना आशियाना बना रखा है। पिछले 14 वर्षों से यही उनका घर है और यहीं के स्टाफ और आने-जाने वाले यात्रियों में ही उन्हें एक तरह से अपना परिवार दिखता है। जिआंगुओ ने घर नहीं जाने का इतना कठोर फैसला क्यों लिया है, इसके बारे में जानने से पहले यह बताएं कि 2018 में उन्होंने चीन के एक अखबार से कहा था कि 'मैं घर नहीं जा सकता, क्योंकि मुझे वहां पर आजादी नहीं है।'
2008 से ही एयरपोर्ट को बना रखा है ठिकाना
वेई जिआंगुओ का घर वांगजिंग में है, जो बीजिंग एयरपोर्ट से करीब 19 किलोमीटर दूर है। वे 2008 में घर छोड़कर निकल गए और बीजिंग एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 पर अपना ठिकाना बना लिया, क्योंकि यह सबसे ज्यादा गर्म रहता है। यह ऐसा इलाका है, जहां तापमान सर्दियों में माइनस 13 डिग्री तक चला जाता है। उन्होंने एक बार पीयर वीडियो से कहा था कि वे कभी-कभी टर्मिनल 3 की ओऱ भी चले जाते हैं। जब परिवार से उनकी दूरी बनने लगी तभी से उन्होंने रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट पर सोकर रातें काटनी शुरू कर दी थीं।
एयरपोर्ट पर ही बना रखा है मोबाइल किचन
ये जब घर से निकलने थे तो अपने साथ ही एक इलेक्ट्रिक कूकर लेकर निकले थे और वही अब उनका मोबाइल किचन है, जिसपर वे अपने लिए खाना बनाते हैं। बाकी समय वह एयरपोर्ट से ही अपने पसंद की खाने-पीने की चीजें खरीद लेते हैं। उनके पास जो भी सामान है, वह एयरपोर्ट के ट्रॉली में ही पड़ा रहता है और स्लीपिंग बैग उन्हें घर के बेड की याद नहीं आने देता। उनका कहना है कि वह जब 40 की दशक में थे तो एक इंजन फैक्ट्री में काम करते थे। लेकिन,ढलती उम्र की वजह से उन्हें काम से निकाल दिया गया था और वे 1000 युआन (करीब 11,145 रुपये) के मासिक सरकारी पेंशन पर गुजारा करते हैं।
'सिगरेट और शराब पीना नहीं छोड़ सकता'
जब उनसे पूछा गया तो वे बोले कि वह घर नहीं लौटेंगे, क्योंकि वहां उन्हें फिर से शराब और सिगरेट छोड़ने के लिए दबाव डाला जाएगा। इस लत को वह अपनी मासिक सरकारी पेंशन से पूरा करते हैं। उन्होंने कहा था, 'मेरे परिवार ने मुझसे कहा कि अगर मैं घर में रहना चाहता हूं तो मुझे स्मोकिंग और पीने की आदत छोड़ देनी पड़ेगी।' उन्होंने कहा कि 'अगर मैंने ऐसा नहीं किया तो मुझे महीने का सारा 1000 युआन उन्हें दे देना होगा। फिर मैं अपना सिगरेट और शराब कैसे खरीदूंगा ?'
'दूसरे यात्रियों को परेशान नहीं करते'
एयरपोर्ट स्टाफ के मुताबिक वह खरीदारी के लिए बाहर जरूर जाते हैं, लेकिन सर्दी की वजह से ऐसा करना नहीं चाहते। एयरपोर्ट की एक दुकान के स्टाफ ने बताया कि वेई वैसे तो शांत हैं, भले ही उन्होंने बहुत ज्यादा पी रखी हो। लेकिन, एक और स्टाफ ने कहा कि कई बार उन्हें यहां से जाने के लिए भी समझाने की कोशिश की गई, लेकिन 'हर बार जब हमने उनसे ऐसा कहा था वो नशे में थे और भड़क जाते थे।' लेकिन, उसने बताया कि वे कभी दूसरे यात्रियों को परेशान नहीं करते।
पहले भी कई लोग कर चुके हैं ऐसा
चीन के अखबार के मुताबिक वेई अकेले नहीं हैं, जिन्होंने एयरपोर्ट को ही अपना घर बनाया हो। 2018 में कम से कम के 6 लोग थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि वह इसी तरह एयरपोर्ट पर ही डेरा डालकर रहते थे। उनमें से एक शख्स तो अपने रेडियो पर चाइनीज ओपेरा म्यूजिक बहुत ही तेज आवाज में सुनने के लिए कुख्यात था। (तस्वीरें- सौजन्य- पीयर वीडियो से)