Tulcharam Siyag : बीकानेर के तुलछाराम सियाग 15 हजार फीट ऊंचे सिचाचिन गलेशियर पर हुए शहीद
बीकानेर, 24 नवंबर। राजस्थान के बीकानेर ज़िले के नोखा के केड़ली गांव के सुबेदार तुलछाराम सियाग का सियाचिन ग्लेशियर में राष्ट्र को सेवा करते हुए शहीद हो गए। पार्थिव शरीर सेना के ट्रक में आज बीकानेर पहुंचा। बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर नम आँखों से उनको विदाई दी। इस दौरान माहौल गमगीन हो गया। भारत माता जिंदाबाद नारो से गूंज उठा। इसके बाद बीकानेर में जगह-जगह लोगों ने पुष्पवर्षा कर उनको श्रद्धांजलि दी।
जानकारी के अनुसार नोखा तहसील के खेड़ली निवासी सेना में नायब सूबेदार तुलछाराम करीब 15 हाजर फीट ऊंचाई पर परतापुर सैन्य बेस एरिया में सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात थे। 21 नवंबर को ड्यूटी के दौरन तुलछाराम को दोपहर में हार्ट अटैक आया। इस दौरान तुलछाराम को तत्काल बेस आर्मी के अस्पताल लाया गया। डॉक्टर की टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सूबेदार तुलछाराम 2 महीने बेस पर बिताने के बाद हाल ही में ग्लेशियर पर ऑन ड्यूटी हुए थे। बर्फीली दुर्गम पहाड़ियों पर देश की रक्षा करते प्राण गंवाने के कारण उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया। आज उनकी पार्थिव देह को विशेष विमान से दिल्ली के रास्ते बीकानेर लाया गया, जहां आज खेड़ली गांव में राजकीय सम्मान से साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
सुबेदार तुलछाराम महज 21 साल की उम्र में ही सेना में भर्ती हो गए थे। तुलछाराम की ड्यूटी पिछले ढाई साल से सियाचीन ग्लेशियर में ही थी। दो महीने पहले ही तुलछाराम अपने गांव खेड़ली आए थे। परिवारजनों ने दीपावली पर भी गांव में रहने की जिद की लेकिन देश सेवा को प्रथम बताते हुए वो वापस सियाचीन चले गए थे।
दीपावली भी वहीं पर मनाई। दो महीने बाद तुलछाराम की नई पोस्टिंग मिलने वाली थी और नई पोस्टिंग का इंतजार ही चल रहा था। तुलछाराम के दो बेटे हैं, जिनमें एक पंद्रह साल का है और अभी 11वीं कक्षा का स्टूडेंट है जबकि दूसरा महज चार साल का है।