महिला ने अपने ही सुहाग को जंजीरों में जकड़ा, रुला देगी ये मजबूरी!
पत्नी का कहना है कि जब भी वो अपने पति को इस हालात में देखती है उसका दिल कचोट उठता है। उसे उम्मीद है कि कोई आएगा और उसके पति को ठीक कर देगा।
पटना। कोई भी महिला अपनी जान से ज्यादा अपने पति से प्रेम करती है लेकिन एक मजबूरी पत्नी से क्या-क्या नहीं करवा देती! अपने पति को सुरक्षित रखने के लिए एक पत्नी ने उसे पिछले 7 वर्षों से जंजीरों में कैद कर रखा है और जंजीर से मुक्त कराने के लिए मददगारों की राह देख रही है। मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का है जहां गरीबी से लाचार पत्नी अपने पति की दिमागी हालत ठीक ना होने के कारण उसे जंजीरों से बांधकर रखती है। पिछले 7 वर्षों से रख रही है। पत्नी का कहना है कि जब भी वो अपने पति को इस हालात में देखती है उसका दिल कचोट उठता है। आइए जानते हैं महिला की मजबूरी के बारे में जिसने अपने सुहाग को ही जंजीरों से जकड़ दिया...
एक समय था जब हालात बिल्कुल अलग थे, हंसता-खेलता हुआ परिवार एकदम से तबाह हो गया। दिल्ली में जूट का कारोबार करने वाला रमेश अपना और अपने परिवार का पूरा ध्यान रखता था। इसी बीच साल 2007 में उसकी मानसिक स्थिति डिस्टर्ब होने लगी। जिसके बाद उसके परिजन उसे इलाज के लिए कई नामचीन डॉक्टरों के पास ले गए लेकिन सिर्फ पैसा बर्बाद हुआ। देखते-देखते उसके इलाज में इतने पैसे खर्च हो गए कि सभी दिल्ली से अपने गांव वापस चले आए।
शहर के चर्चित डॉक्टर से लेकर सरकारी अस्पताल तक सभी से इलाज करवाया गया पर कहीं भी कुछ सुधार नहीं हुआ। इधर बीमार पति के इलाज के दौरान घर की स्थिति काफी खराब हो गई। हालात ऐसे हो गए कि खाने के लिए भी सोचना पड़ता था। तो मानसिक रूप से कमजोर पति घर के बाहर निकलकर मोहल्ले में काफी उत्पात मचाता था। जिससे रोजाना आसपास के लोगों की शिकायत सुनने को मिलती थी। जिसके बाद उसकी पत्नी धर्मशीला ने उसे जंजीर से जकड़ते हुऐ दरवाजे पर बांध दिया। जंजीर से बांधने के बाद मजबूर परिवार वालों ने राहत की सांस ली। क्योंकि रोजाना अपने पति को ढूंढने में उसे काफी दिक्कत होती थी और डर लगा रहता था। खुला रहने के कारण वो गांव से दूर चला जाता था तो कभी किसी के घर पर पत्थर मारता था तो किसी का समान बर्बाद कर देता था।
पत्नी धर्मशिला का कहना है कि ग्रेजुएट रमेश काफी मेहनती और संघर्षशील था लेकिन एक बीमारी ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। जब कभी मेरी नजर जंजीर में बंधी अपने पति पर पड़ती है तो मेरा दिल तड़प उठता है लेकिन क्या करें परिवार के हालात वैसे नहीं है कि उसका इलाज अच्छे अस्पताल में कराया जा सके। जितना पैसा था सब इसके इलाज में खर्च हो गया। अब तो किसी मददगार का इंतजार है, शायद कोई मददगार पहुंचे और मेरे पति का इलाज करा दे। इसके लिए कई बार सरकार से भी मदद की गुहार लगाई गई लेकिन आज तक कभी भी कोई मदद नहीं मिली। मौजूदा हालात ऐसे हैं कि एक समय का खाना भी मुश्किल से मिल पाता है। महिला ने कहा कि ऐसे भी अब हम लोगों का भगवान ही मालिक है।
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