बिहार में शिक्षकों की बल्ले-बल्ले, 32 हज़ार 714 पदों पर काउंसिलिंग शुरू, 30 जुलाई को नियुक्ति !
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस बाबत खुद तारकिशोर प्रसाद (मंत्री, नगर विकास विभाग) से पदाधिकारी तैनात करने का आग्रह किया था।
पटना, 27 जुलाई 2022। बिहार के सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों के शिक्षकों की बल्ले-बल्ले होने वाली है। छठे चरण के तहत 32 हज़ार 714 पदों पर जुलाई 2019 की शुरुआत में हुई शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया की काउंसिलिंग शुरु हो चुकी है। सोमवार से योग्य शिक्षक अभ्यर्थियों की तीन दिवसीय काउंसिलिंग शुरू हो गई है। 25 जुलाई को नगर निगम नियोजन इकाई की फाइनल मेरिट लिस्ट के मुताबिक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग रखी गई थी। लेकिन कई नगर निगम नियोजन इकाइयों में कार्यपालक पदाधिकारी के नहीं होने की वजह से मेरिट लिस्ट फ़इल नहीं हो पाई और काउंसिलिंग भी नहीं हो पाई।
पदाधिकारियों के नहीं होने से काउंसिलिंग प्रभावित
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस बाबत खुद तारकिशोर प्रसाद (मंत्री, नगर विकास विभाग) से पदाधिकारी तैनात करने का आग्रह किया था। संबंधित पदाधिकारियों के पदस्थापन का उन्होंने भरोसा दिया था लेकिन इनकी तैनाती नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि इस वजह से काउंसिलिंग बाधित होने की जानकारी शिक्षा विभाग से मिली। आपको बता दें कि नियोजन इकाइयों में काउंसिलिंग और नगर निगम शिक्षकों के पदों पर योग्य अभ्यर्थी चयनित होने का विभाग की तरफ़ से आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
30 जुलाई तक नियुक्ति पत्र मिलने की उम्मीद
जिलास्तर पर विभिन्न नगर निकाय और नगर परिषद नियोजन इकाई के मुताबिक मेधा क्रम में अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग 26 जुलाई को की गई। आज (27 जुलाई) को जिला स्तर पर जिला परिषद नियोजन इकाई के सूची के मुताबिक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग पूरी होने की संभावना है। तीनों प्रकार के नियोजन इकाइयों से सेलेक्टेड अभ्यर्थियों को सहमति पत्र देते 30 जुलाई को नियुक्ति पत्र मिलने की उम्मीद है।
आरक्षित कोटे का मेरिट लिस्ट तैयार नहीं
शिक्षकों की काउंसिलिंग के बाद भी हाईस्कूल, इंटर शिक्षक के पद काफ़ी खाली रहने के आसार दिख रहे हैं। शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो प्रदेश के विभिन्न जिलों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक आरक्षित कोटे के योग्य उम्मीदवार का नियोजन इकाइयों को मेरिट लिस्ट तैयार करने नहीं मिला है। आरक्षित कोटे का मेरिट लिस्ट तैयार नहीं होने की वजह से काफ़ी तादाद में पद खाली रह सकती है। इन सब के अलावा विज्ञान, गणित और दूसरे सब्जेक्ट में भी योग्य अभ्यर्थियों की कमी पाई जा रही है। इन सब वजह से नियुक्तियों के बाद भी पद खाली रह सते हैं।
ये भी पढ़ें: बिहार में मृत और रिटायर्ड अधिकारियों का प्रमोशन, लोगों ने कहा ऐसा भी होता है क्या ?