बिहार: सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय को पटना HC से झटका, गिरफ्तारी वारंट जारी
सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय सहारा को पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तगड़ा झटका दिया है। इंवेस्टर्स को रुपए नहीं लौटाने के मामले में पटना हाईकोर्ट पहले भी दायर किए गए अंतरिंम आवेदन को ख़ारिज कर दिया था।
पटना,
13
मई
2022।
सहारा
इंडिया
के
चेयरमैन
सुब्रत
राय
सहारा
को
पटना
हाईकोर्ट
ने
शुक्रवार
को
तगड़ा
झटका
दिया
है।
इंवेस्टर्स
को
रुपए
नहीं
लौटाने
के
मामले
में
पटना
हाईकोर्ट
पहले
भी
दायर
किए
गए
अंतरिंम
आवेदन
को
ख़ारिज
कर
दिया
था।
इसके
साथ
ही
उन्हें
13
मई
शुक्रवार
सुबह
10:30
बजे
किसी
भी
हाल
में
हाज़िर
होने
के
लिए
कहा
था।
उन्हें
सख्त
निर्देश
मिलने
के
बावजूद
आज
वह
हाज़िर
नहीं।
जिसके
बाद
पटना
हाईकोर्ट
ने
उनके
ख़िलाफ
गिरफ्तारी
का
वारंट
जारी
कर
दिया
है।
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शुक्रवार (13 मई) को फिजिकल तौर पर पटना हाईकोर्ट में सुब्रत राय सहारा की पेशी होनी थी, लेकिन वह ग़ैरहाज़िर रहे। उनकी ग़ैरहाज़िर रहने पर पटना हाई कोर्ट ने बिहार, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के डीजीपी को आदेश जारी करते हुए सुब्रत राय को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है। आपको बता दें कि 27 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने उन्हें 11 मई को शारीरिक तौर पर हाईकोर्ट में पेश होने निर्देश दिया था। साथ ही उन्हें निवेशकों का पैसा कैसे लौटाएंगे इसकी भी जानाकरी मांगी थी। कोर्ट की दी गई तारीख के मुताबिक सुब्रत राय 11 मई को भी पटना नहीं आ सके। जिसके बाद मामले को 12 मई के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन आज भी वह ग़ैर मौजूद रहे।
2 हज़ार से ज़्यादा मामले पटना हाई कोर्ट में दायर
27 अप्रैल को सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ने सहारा इंडिया के वकील उमेश प्रसाद सिंह से कहा था कि सहारा इंडिया बिहार के निवेशकों का पैसा किस तरह से लौटाएगी इसकी पूरी जानकारी पेश करें। कोर्ट के सवाल पर उमेश प्रसाद सिंह ने कुछ वैकल्पिक तरीके निवेशकों की राशि वापस करने के लिए बताए थे। लेकिन न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने उनकी बात से सहमत नहीं दिखे थे। उन्होंने सख्त लहज़े में वकील से कहा कि सुब्रत रॉय के और बहाने अब अदालत और बर्दाश्त नहीं करेगी। ग़ौरतलब है कि मौजूदा हाल में सहारा इंडिया की कथित धोखाधड़ी से जुड़े 2 हज़ार से ज़्यादा मामले पटना हाई कोर्ट में दायर है। जबकि हक़ीक़त में ठगी का शिकार हुए लोगों की तादाद लाखों में है। कई पीड़ितों की मौत भी हो चुकी है।
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