Rajgir Mahotsav में ‘पगला बाबा’ ने मचाई धूम, हर्बल टी गार्डन बना आकर्षण का केंद्र
Rajgir Mahotsav में ‘पगला बाबा’ ने धूम मचा दिया है, महोत्सव में घूमने पहुंच रहे लोग उनके हर्बल टी गार्डन पर चाय का ज़ाया लेने ज़रूर पहुंच रहे हैं। चाय की चुस्की के साथ ही लोगों को देश प्रेम का संदेश भी मिल रहा है।
Rajgir Mahotsav की शुरुआत होते ही दूर-दूर से लोग मेले का दीदार करने पहुंच रहे हैं। महोत्सव में पहुंच रहे लोग मेले का नज़ारा लेने के साथ ही मिथिलेश कुमार संतोषी उर्फ पिंटू गुप्ता (पगला बाबा) के चाय का ज़ायका लेने नहीं भूल रहे। राजगीर महोत्सव में नवादा निवासी मिथिलेश कुमार का हर्बल टी गार्डन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। टी स्टॉल पर पहुंच रहे लोग 'पगला बाबा' के स्टाइल की तारीफ करते नहीं थक रहे। उनके चाय बनाने के अंदाज के साथ देशभक्ति गीतों पर डांस का भी लुत्फ उठा रहे हैं।
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हर्बल टी गार्डन बना आकर्षण का केंद्र
मिथिलेश कुमार संतोषी उर्फ पिंटू गुप्ता को लोगों ने उनकी बातों के अंदाज़ से ‘पगला बाबा' की संज्ञा दी है। वह चाय बेचने के साथ ही लोगों में देशभक्ति, भाईचारा, सौहार्द, प्रेम और शांति का भी अलख जगा रहें हैं। राजगीर महोत्सव में उन्होंने ग्राम श्री मेला के पास खुद से हर्बल टी गार्डन को सजाया है। इस गार्डन में उन्होंने जल जीवन हरियाली थीम के साथ ही कबाड़ से जुगाड़ कर चीज़ों को आकर्षित तरीक़े लगाया है। इसके ज़रिए वह पर्यावरण संरक्षण, कचड़ा प्रबंधन के साथ ही लोगों को जनहित का संदेश भी दे रहे हैं।
‘पगला बाबा’ से आकर्षित हो रहे हैं लोग
‘पगला बाबा' के बात करने के अंदाज़ और उनकी अजीबो-गरीब हरकत को देखकर लोग आकर्षित हो रहे हैं। उनका अनोखा अंदाज़ बच्चों और महिलाओं को भी खूब भा रहा है। उनकी मजेदार और प्रेरणादायक बातों को सुनने के लिए लोगों की काफी भीड़ जुटने लगी है। मिथिलेश कुमार संतोषी उर्फ पिंटू गुप्ता (पगला बाबा) सभी को देश प्रेम का संदेश दे रहे हैं। उनका पहनावा भी बहुत की अजीबो गरीब है, वह मैरुन रंग का कुर्ता औऱ पायजामा पहनते हैं। इसके साथ गले में माला, कंधे पर एक छोटा बैग और सिर पर पगड़ी पहने हुए नज़र आते हैं।
हज़ारों महोत्सव में बाबा मचा चुके हैं धूम
पगला बाबा अभी तक हज़ारों सरकारी और गैर सरकारी समारोह में हर्बल टी गार्डन से धूम मचा चके हैं। उन्होंने हर्बल टी गार्डन में भारत माता की मूर्ति, बच्चों के लिए झूला, जमीन पर पीढ़ा, चौकी और खटिया बिछाया है। इसके साथ ही पीतल के लोटे वगैरह भी रखे हैं। टी गार्डेन में पहुंच रहे लोग कुल्हड़ में चाय का जायका लेते हुए, पर्यावरण संरक्षण, जल जीवन और हरियाली झांकी का भी लुत्फ उठा रहे हैं।
चाय में केसर के साथ-साथ जड़ी बूटी का इस्तेमाल
झांकी के विषय पर पगला बाबा ने चाय का भी नाम रखा हैं, जिसमें हरा भरा चाय, हरियाली चाय, तंदूरी चाय, मसाला चाय, लौंग चाय और छुहारा चाय जैसे कई नाम हैं। उनके चाय की खासियत है कि वह चाय में चीनी की मात्रा कम डालते हैं, वहीं चाय में शहद, टाल मिश्री और गुड़ का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा चाय बनाते वक्त पत्ती के साथ-साथ केसर और जड़ी बूटी आदी का भी इस्तेमाल करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मिथिलेश कुमार संतोषी लोगों को अच्छा संदेश दे रहे हैं। उनके चाय बेचने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के संदेश देने का तरीका काफी बढ़िया है।
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