बिहार: बिल भुगतान नहीं करने पर अस्पताल ने महिला को बनाए रखा 12 दिनों तक बंधक
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पटना। एक मासूम बच्चा अपनी मां को छुड़ाने के लिए गांव में घूम घूम कर भीख मांग रहा था। कुछ लोग उसके इस हरकत को देखकर पेशेवर भिखारी कह रहे थे तो कुछ उसे अनदेखा कर रहे थे। बच्चा आंखों में आंसू लिए अपनी मां को वापस पाने के लोगों से मिन्नत कर रहा था। दरअसल उस की मां को बिहार की राजधानी के पटना के अगम कुआ स्थित मां शीतला इमरजेंसी हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड में डॉक्टरों ने पेमेंट नहीं करने को लेकर बंधक बनाया था। हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना था कि उसके इलाज में 1 लाख 25 हजार रुपए खर्च हुए हैं। पैसा दो तब इसे छोड़ेंगे नहीं तो इसे हम बंधक बना लेंगे। ऐसे में बच्चे के सामने और कोई दूसरा उपाय नहीं दिखा और वह अपनी मां को डॉक्टरों के चंगुल से छुड़ाने के लिए भीख मांगना शुरु कर दिया। जब उसके भीख मांगने की बात सांसद पप्पू यादव को मिली तो उन्होंने बच्चे की मदद करते हुए राजधानी पटना के अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों की जमकर क्लास लगाई है जिसके बाद डॉक्टरों ने पैसा माफ करते हुए पीड़िता को मुक्त किया और उसे 10,000 रुपए देते हुए एंबुलेंस से मधेपुरा भेजा।
ये है पूरा मामला
मधेपुरा सदर प्रखंड के महेशुवा पंचायत अंतर्गत हनुमान नगर चौड़ा वार्ड नंबर 20 का बालक कुंदन एक-एक लोग से 10, 20, 50 रुपया भीख मांग करके 13 हजार जमा कर चुका था। जब नाबालिक कुंदन से इस बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि हमारी मां ललिता देवी को 15 दिन पूर्व पेट दर्द की शिकायत हुई, वह गर्भवती थी। पहले उसे सिंहेश्वर में डॉक्टर ने सदर अस्पताल ले जाने की सलाह दी, लेकिन सदर अस्पताल में बिना कोई जांच किये ही डॉक्टर ने स्थिति गंभीर होने की बात कह मरीज को टरका दिया। आर्थिक तंगहाली झेल रही ललिता को सहरसा के डॉ विपिन कुमार यादव के यहां भर्ती कराया गया।
डॉक्टर ने गरीबी का मजाक उड़ाया
वहां भी डॉक्टर ने उसकी गरीबी का मजाक उड़ाते हुए कहा कि बच्चा पेट में मर गया है, मरीज कोमा में चली गयी है, अगर पटना नहीं ले जाया गया तो मरीज की मौत हो जायेगी। तत्काल मरीज से पांच हजार रुपये का डिमांड कर कहा गया कि 30 हजार तक पटना में सारा इलाज हो जायेगा। पड़ोसी की मदद से मरीज ने पांच हजार जमा कराया तो उसे एंबुलेंस से डॉक्टर पटना लेकर गये। पटना के अगमकुआं स्थित मां शीतला इमरजेंसी हॉस्पिटल में मरीज को भर्ती करा सहरसा के डॉक्टर निकल गये। हालांकि वहां ललिता का आॅपरेशन कर पेट से मरा हुआ बच्चा निकाला गया। इसके बाद कुंदन पर सवा लाख रुपया जमा कराने का दबाव बनाये जाने लगा।
पप्पू पहुंचे अस्पताल
डॉक्टर की करतूत की सूचना मिलने के बाद तत्काल पप्पू यादव अस्पताल पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन की जम कर क्लास लगायी। उन्होंने डिलेवरी के 12 दिनों बाद भी पीड़िता का टांका नहीं काटे जाने पर आक्रोश जताते हुए अस्पताल प्रशासन से सवाल पूछे। मौके पर पटना के सिविल सर्जन और अगमकुआं थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष को भी बुलाया गया। सिविल सर्जन की मौजूदगी में सांसद पप्पू यादव ने डॉ निशा से उनके मेडिकल से संबंधित तथा अस्पताल प्रशासन से मेडिकल लाइसेंस से संबंधित कागजात की मांग की। करीब डेढ़ घंटे बाद भी डॉ निशा और अस्पताल प्रबंधन द्वारा कागजात उपलब्ध नहीं कराये गये।
मिला जांच का आश्वासन
इस पर सिविल सर्जन ने अस्पताल की पूरी जांच कराने का आश्वासन दिया..वही पीड़ित महिला को अस्पताल से छुड़ाने के बाद बातचीत करते हुए सांसद पप्पू यादव केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और सूबे की नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पहले ऐसे जल्लाद चिकित्सकों का इलाज करें। तो नीतीश कुमार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चुनौती के रूप में क्यों नहीं ले रहे हैँ। जिस पीड़िता के पास खाने को पैसे नहीं हैं, बच्चा भीख मांग रहा है, वह इलाज की इतनी बड़ी रकम कहां से ला सकता है।