पटना: बालू माफिया ने दिनदहाड़े इंस्पेक्टर पर बोला हमला, पीट-पीट कर किया अधमरा
7 मई की सुबह जब सब इंस्पेक्ट ड्यूटी से लौट रहे थे तभी करीब 40-50 की संख्या में बदमाशों ने उन पर हमला बोल दिया। सब इंस्पेक्टर इसके पीछे इलाके के बालू माफिया का हाथ बता रहे हैं।
पटना। बिहार में अब अपराधी इस कदर बेलगाम हो चुके हैं कि उन्हें पुलिस वालों का भी खौफ नहीं रहा है। पुलिस से डरने के बजाए अब अपराधी उन्हें भी अपना निशाना बना रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजधानी पटना मे सामने आया है जहां माफिया और दबंगों ने मिलकर एक सब इंस्पेक्टर के को मार कर लहूलूहान कर दिया और फिर उसे मरा हुआ समझकर झाड़ी में फेंक फरार हो गए। झाड़ी के पास से गुजर रहे खुछ लोगों ने इंस्पेक्टर को घायल अवस्था में देखा तो तुरंत उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले गए जहां 24 टांके लगने के बाद वो होश में आए। होश में आने के बाद उन्होंने दबंगों की दबंगई और माफिया की करतूत की बेरहम कहानी सुनाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजधानी पटना में ट्रैफिक विभाग में सब इंस्पेक्टर सदानंद राय पर 7 मई की रोज कुछ बालू माफिया और दबंगों ने हमला बोल दिया। होश में आने के बाद दरोगा ने कहा कि जब वह ड्यूटी से लौट रहा था तभी अचानक पटना के कुछ बालू माफिया और दबंगों ने लगभग 40-50 की संख्या में हाथ में लाठी-डंडा लिए हम पर हमला बोल दिया जिससे हम गंभीर रूप से घायल हो गए, फिर बदमाशों ने हमें मरा हुआ समझ फरार हो गए। इस मामले में थाने में अज्ञात के खिलाफ मारपीट करने तथा जान से मारने का मामला दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है हालांकि अभी तक सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
वही इस मामले में गंभीर रुप से घायल हुए सब इंस्पेक्टर सदानंद राय ने अपने विभाग के ही कुछ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह आज से नहीं बल्कि कई सालों से ट्रैफिक विभाग में नौकरी कर रहे हैं। और उनके इस हालत का जिम्मेदार विभाग के ही कई लोग हैं क्योंकि माफिया और अपराधियों से इनका सांठ -गांठ है । इसी के वजह से उन लोगों ने हम पर हमला करवाया है और उनकी गिरफ्तारी मे कोताही की जा रही है। बता दें कि जिस जगह सब इंस्पेक्टर के साथ ऐसी घटना घटी वहां इससे पहले भी कई बार पुलिस वालों के साथ माफियाओं ने इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है पर आज तक पुलिस प्रशासन के द्वारा इन सभी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। जब इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की जाती है तो वह भी चुप्पी साध लेते हैं।
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