बेगूसराय: मज़दूर के बेटे ने NEET में लहराया परचम, माता-पिता को दिया कामयाबी का श्रेय
बेगूसराय, 11 सितंबर 2022। बिहार के प्रतिभा के डंके देश से लेकर विदेशों तक बजते हैं। नीट 2022 के परिणाम घोषित होने के बाद कई कामयाबी के किससे पढ़ने को मिल रहे हैं। आज हम आपको नीट बिहार टॉपर की कहानी के साथ-साथ एक ऐसे युवक के संघर्ष की कहानी बताने जा रहे हैं जिनके पिता दिहाड़ी मज़दूर हैं। बेगूसराय के टिकापुर (किरतपुर पंचायत) के रहने वाले बिपिन कुमार पेशे से मज़दूर हैं। उनके बेटे बिक्रम कुमार को नीट की परीक्षा में 633 अंक हासिल हुए। नीटी में कामयाबी पाकर बिक्रम ने जिले सहित प्रखंड का नाम भी रोशन किया है। मज़दूर परिवार से ताल्लुक रखने वाले बिक्रम ने दूसरे अटेम्प्ट में कामयाबी हासिल की है।

दिहाड़ी मज़दूर के बेटे ने लहराया परचम
बिक्रम के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है। वहीं 3 भाइयों में बिक्रम सबसे बड़े हैं। इसलिए उन पर परिवार की ज़िम्मेदारी का बोझ भी है। बिक्रम के शिक्षा की बात की जाए तो नवोदय विद्यालय बेगूसराय से वर्ष 2019 में मैट्रिक की परीक्षा दी थी। 93.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर फर्स्ट डिविजन से कामयाब हुए थे। वहीं इंटर के एग्ज़ाम भी नवोदय विद्यालय बेगूसराय से ही दिया था। उसमें भी उन्होंने फर्स्ट डिविजन से पास किया था। बिक्रम के परिवार की बात की जाए तो उनके पिता बिपिन गांव में मजदूरी कर ज़िंदगी गुज़र बसर करते हैं। इसके साथ ही उनकी माता सीता देवी घरेलु महिला हैं।

मेहनत करने से कामयाबी मिलती है- बिक्रम
बिक्रम ने कहा कि वह आज जिस भी मुकाम पर पहुंचे हैं, इसका श्रेय उनके माता पिता को जाता है। बिक्रम मेडिकल की पढ़ाई कर गांव में ही सेवा देने के लिए संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं के बराबर है।इस कमी को दूर करने की कोशिश करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों से मुखातिब होते हुए कहा कि कामयाबी पाने के लिए जनून और कड़ी मेहनत करें, आपको कामयाबी जरूर मिलेगी।

स्टेट टॉपर अक्षत की कामयाबी का राज
नीट-2022 अक्षत रंजन ने स्टेट टॉप किया है, इसलिए उनकी कामयाबी का क्या मंत्र रहा है, वह भी हम आपको बताएंगे। अक्षत रंजन का ऑल इंडिया रैंक 64 है वहीं 700 अंक हासिल कर बिहार टॉपर बने हैं। अक्षत की कामयाबी से उसके परिवार समेत पड़ोस के लोग भी काफी खुश हैं। वहीं अक्षत के माता-पिता ने बताया कि अक्षत शुरू से ही डेडिकेशन से पढ़ाई करता रहा है। उसकी कामयाबी का यही राज़ है। अक्षत रंजन ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि वह रोज़ाना क़रीब 10 घंटे पढ़ाई करते थे। दो साल की कड़ी मेहनत का फल मुझे मिला है।

बिहार में अक्षत ने किया टॉप
स्टेट टॉपर अक्षत रंजन ने कामयाबी मिलने पर खुशी का इज़हार करते हुए कहा कि आगे और कामयाब होने के लिए मेहनत जारी रखूंगा। अक्षत ने कहा कि मैंने जिस तरह से महेनत की थी उससे मुझे यह उम्मीद थी कि मेरा 100 के अंदर ही रैंक आएगा। परीक्षा देने के बाद तो मैं कॉन्फिडेंट था कि रिजल्ट अच्छा ही आएगा। बिहार टॉपर बनने की उम्मीद नहीं थी लेकिन मेहनत रंग लाई और वह खिताब भी मिल गया। पटना के आकाश इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करने वाले अक्षत रंजन ने बताया की उनका लक्ष्य नीट निकालना था, उसके बाद एमबीबीएस की तैयारी करनी है। इन सबके बाद आगे के लिए विचार करूंगा कि क्या करना है।
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