Motivational Story: एलिट महिला नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में खेलेंगी पूजा, पढ़िए संघर्ष भरी कहानी
पूजा बचपन से बॉक्सिंग की शौकीन थी, स्कूल से ही वह इस खेल में अपना नाम रोशन कर चुकी हैं। मैरी कॉम को देखते हुए उन्होंने शादी के बाद फिर से इस खेल में कम बैक किया है।
Motivational Story: कामयाबी पाने के लिए उम्र की सीमा नहीं होती है, आपके अंदर जुनून है तो कामयाबी ज़रूर मिलती है। कुछ इसी तरह की कहानी है भागलपुर की रहने वाली पूजा की, जो मैरी कॉम को अपना आइडियल मानती हैं और उन्हीं कर तरह संघर्ष कर नेशनल चैंपियनशिप में जगह बनाई है। पूजा को बचपन से ही मुक्केबाजी का शौक था। पूजा ने देखा कि मैरी कॉम की शादी औऱ बच्चे होने के बाद भी मुक्केबाज़ी में अपना नाम रोशन कर चुकी है। इसलिए पूजा ने भी शादी के बाद भी मुक्केबाज़ी की तैयारी शुरू की। अब वह राष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर का परचम लहराती हुई नज़र आएंगी। आइए पूजा के संघर्ष भरे सफर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
खेल सम्मान अवार्ड से हो चुकी हैं सम्मानित
पूजा राय ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि बॉक्सिंग में शादी के बाद वापसी करना आसान नहीं था। घर के काम के साथ बच्चे और पति का भी खयाल रखना होता था। सबको एक साथ लेकर बॉक्सिंग की प्रैक्टिस शुरू की। साल 2010 में स्कूल के स्तर पर बॉक्सिंग के सफर की शुरुआत की। स्कूल (एसएसआर बालिका उच्च विद्यालय) की तरफ से स्टेट लेवस बॉक्सिंग कॉम्पेटिशन में जगह मिली। उसी साल बिहार टीम की तरफ़ से सब जूनियर नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में चेन्नई गई। इस दौरान उन्होंने कांस्य पदक पर क़ब्ज़ा जमाया। साल 2011 बिहार की तरफ से नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता तमिलनाडू में खेलने का मौक़ा मिला। शानदार प्रदर्शन के लिए बिहार सरकार ने खेल सम्मान अवार्ड से नवाज़ा।
मैरी कॉम से मिली पूजा को प्ररेणा
पूजा को बॉक्सिंग में कैरियर बनाने के में मां अंजनी देवी और पिता राजेंद्र प्रसाद राय ने काफी मदद की। शादी के बाद पति राजीव कुमार राय ने भी उनके सपने को साकार करने का हौसला दिया। शादी के कुछ साल के बाद ही पूजा ने बॉक्सिंग रिंग में उतर कर प्रतियोगिता की तैयारी शुरू कर दी। पूजा ने बताया कि वह खेल से दूर थीं, लेकिन बच्चे को बॉक्सिंग की बैसिक जानकारियों की कोचिंग देती रहीं। मैरी कॉम को प्रेरणास्रोत मानते हुए पूजा ने शादी के बाद भी बॉक्सिंग में कम बैक करने का फ़ैसला लिया, दूसरी पारी की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने जिला स्कूल बॉक्सिंग कोचिंग सेंटर में सुबह और शाम प्रैक्टिस शुरू की और फिर कामयाबी की सीढियां चढ़ती चली गईं।
ओलिंपिक में खेलना चाहती हैं पूजा
पूजा को बिहार की तरफ से हरियाणा में हुए एलिट महिला नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता 2021 में खेलने का मौका मिला था। पूजा का लक्ष्य ओलिंपिक में खेल कर देश के लिए मेडल लाने का लक्ष्य है। इसके साथ वह राष्ट्रीय स्तर पर एनआइएस कोच बन कर बिहार में बॉक्सिंग खेल को आगे बढ़ाना चाहती हैं। आपको बता दें कि 19 से 26 दिसंबर तक भोपाल में नेशनल एलिट महिला बॉक्सिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। जिसमें बिहार की तरफ़ से पूजा सहित अन्य महिला खिलाड़ियों का भी सेलेक्शन हुआ है।
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