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बिहार: कानून मंत्री से बने गन्ना मंत्री और फिर हुआ इस्तीफ़ा, पढ़िए कार्तिकेय प्रकरण की इनसाइड स्टोरी

कार्तिकेय कुमार के शपथ के बाद से ही भाजपा ने महागठबंधन सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया था। सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज़ है कि नीतीश कुमार अपने कैबिनेट में दाग़ी मंत्रियों को नहीं रखते हैं।

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पटना, 1 सितंबर 2022। बिहार में सियासी घमासान के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ, नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन से हाथ मिलाया और सरकार बना ली। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही विपक्षी दलों ने नीतीश की नई सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया। इसी का नतीजा है कि कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार ने इस्तीफ़ा दे दिया। दरअसल उन्होंने विपक्षी दलों के हमले के वजह से इस्तीफ़ा नहीं दिया है, बल्कि उनका विभाग बदल दिया गया जिसकी वजह से इस्तीफ़ा दिया है। 10 अगस्त को कानून मंत्री पद का शपथ लेने के बाद से ही उनकी मुश्किलें बढ़ने लगी थी।

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Bihar: Kartikeya Singh ने अपने पद से दिया Resigns, CM Nitish ने किया मंजूर | वनइंडिया हिंदी | *News
शपथ के बाद से ही बढ़ी कार्तिकेय की मुश्किलें

शपथ के बाद से ही बढ़ी कार्तिकेय की मुश्किलें

कैबिनेट की बैठक में 30 अगस्त को कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार का विभाग बदल कर गन्ना मंत्री बना दिया गया। सूत्रों की मानें तो यह अचानक लिया गया फ़ैसला नहीं था, उनके शपथ से मचे सियासी बवाल के बाद तेजस्वी यादव असहज महसूस कर रहे थे। इसके बाद ही कार्तिकेय कुमार के विभाग बदलने की रणनीति तैयार की जा रही थी। हालांकि लालू प्रसाद को कार्तिकेय कुमार के विभाग में बदलाव नहीं चाहते थे, लेकिन तेजस्वी यादव किसी भी तरह का रिस्क लेना नहीं चाहते थे। इसलिए ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने काफी विचार विमर्श कर कार्तिकेय के विभाग बदलने पर फ़ैसला लिया।

सियासी गलियारों में तेज़ हुई चर्चा

सियासी गलियारों में तेज़ हुई चर्चा

कार्तिकेय कुमार के शपथ के बाद से ही भाजपा ने महागठबंधन सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया था। सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज़ है कि नीतीश कुमार अपने कैबिनेट में दाग़ी मंत्रियों को नहीं रखते हैं। कार्तिकेय कुमार को मंत्रिमंडल मिलना नीतीश कुमार को नागवार था लेकिन वह क़दम नहीं उठा पा रहे थे। भाजपा के लगातार हमलों के बाद जदयू के दिगग्ज नेताओं को तेजस्वी यादव को मनाया। अपनी बढ़ती लोकप्रियता को देखते तेजस्वी यादव ने कार्तिकेय का विभाग बदलने पर हामी भर दी।

कार्तिकेय कुमार पर गंभीर आरोप

कार्तिकेय कुमार पर गंभीर आरोप

आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार पर अपहरण का आरोप है और सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज़ थी कि जिस दिन कोर्ट में उन्हें सरेंडर करना था, उसी दिन उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। वहीं यह भी चर्चा थी कि कोर्ट की नजर में कार्तिक 8 साल से फरार चल रहे थे। वहीं अपने ऊपर लगे आरोपो पर सफाई देते हुए कार्तिकेय कुमार ने कहा था हलफनामें में सारी जानकारी दे चुके हैं। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्तिक पर लगे आरोपों की जानकारी नहीं होने का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया था।

भाजपा नेताओं ने साधा निशाना

भाजपा नेताओं ने साधा निशाना

भाजपा ने विभाग बदलने पर भी नीतीश सरकार पर हमला बोला, भाजपा नेताओं का कहना है कि विभाग बदलना सरकार की लाचारी साबित करती है। ग़ौरतलब है कि कार्तिकेय कुमार अपने पद से इस्तीफ़ा दे चुके हैं। सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि कार्तिकेय कुमार विभाग बदलने से नाराज़ चल रहे थे इसलिए ही इस्तीफ़ा दे दिया। वहीं भाजपा के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी कार्तिकेय की विभाग बदलने पर तंज़ कसा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को कार्तिकेय कुमार को बर्खास्त करने की हिम्मत नहीं थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब लालू यादव के दबाव में हैं। लालू यादव के फ़ैसले का नीतीश कुमार को पालन करना होगा। कार्तिकेय के इस्तीफ़ा पर उन्होंने कहा कि अभी तो पहला विकेट गिरा है कई और विकेट गिरने बाकी हैं।

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English summary
law minister kartikey kumar resigned, BJP leader raised question on CM nitish kumar
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