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बिहारः प्रसव के पैसे न देने पर अनपढ़ मां से सादा कागज पर अंगूठा लगवाकर बच्चों को लेकर चली गई डॉक्टर

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खगड़िया। बिहार के खगड़िया जिले के मड़ैया थाना क्षेत्र में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है, जहां पैसे न देने पर क्लीनिक में डॉक्टर ने महिला से अंगूठा लगवाकर बच्चे को रखा लिया। दरअसल, प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद रविवार की रात मड़ैया थाना क्षेत्र के देवरी निवासी चंडिका सिंह ने पत्नी किरण देवी को लेकर प्रसव के लिए परबत्ता पीएचसी आ रहे थे तभी मड़ैया पेट्रोल पंप के पास न्यू महिला क्लीनिक के एक बिचौलिए ने उन्हें बहकाकर निजी क्लीनिक लेकर चला गया।

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क्लीनिक पहुंचने से पहले ही महिला ने रास्ते में ही एक बच्चे को जन्म दिया। क्लीनिक पहुंचने पर दूसरे बच्चे को जन्म दिया। डॉक्टर ने प्रसव शुल्क के रूप में 7 हजार रुपए की मांग की। मगर बेहद गरीब परिवार होने के कारण रुपए देने में असमर्थता जताई।

तब क्लीनिक संचालन करने वाली डॉक्टर एन बानो ने एक नवजात की कीमत 10 हजार तय करते हुए महिला को तीन हजार देकर उससे कागज पर अंगूठा लगवा लिया और नवजात को अपने साथ बेगूसराय लेकर चली गई। वहीं मामले में अगले दिन महिला के पति और अन्य परिजन मड़ैया थाने पहुंचकर महिला डॉक्टर के कारनामे की शिकायत की।

परिजनों ने आवेदन दिया तो थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार रत्न ने आवेदन लेने से इंकार दिया। थानाध्यक्ष ने उल्टे पीड़ित पर ही केस दर्ज करने की धमकी दी। मामला जब आम लोगों तक फैलने लगा तब नवजात को धोखे से खरीदने वाली महिला डॉक्टर ने सोमवार की देर शाम को माता-पिता को बच्च सौंप दिया।

महिला डॉक्टर के अनुसार प्रसव के लिए आई महिला प्रसव चार्ज देने में सक्षम नहीं थी, जिसके कारण मैंने उसे खाने-पीने के लिए 3 हजार रुपए दिए तथा प्रसूता की सहमति पर बच्चे को अपने साथ ले गई। उन्होंने कहा कि नवजात को किसी जरूरतमंद लोगों को देती तो उस गरीब परिवार को और भी रुपए मिल जाता, मगर बिचौलिए के कारण बात बढ़ गई तो मैंने नवजात को वापस कर दिया। सूत्रों ने बताया कि यह क्लीनिक फर्जी तरीके से संचालित हो रहा है। जहां इस तरह का काम आम है।

उधर, मामले में मड़ैया थानाध्यक्ष ने कहा कि महिला डॉक्टर के द्वारा नवजात को ले जाने की जानकारी तो है लेकिन पीड़ित के द्वारा मुझे कोई आवेदन नहीं दिया गया। अनपढ़ मां को कुछ पता ही नहीं था कि उससे अनजाने में जिस कागज पर अंगूठे का निशान लगवाया गया था, वही उसे हमेशा के लिए अपने बच्चे से दूर कराने के दस्तावेज है। मामले की जानकारी लोगों को कानोकान होने लगी, जिसके बाद दबाव में आकर डॉक्टर ने बच्चे को वापस मां को सौंप दिया। बच्चे को पाकर मां खुश है।

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