जेल से छूटे शहाबुद्दीन की दहशत, सजा देने वाले जज ने करवाया ट्रांसफर
पटना। आरजेडी के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के जमानत पर रिहा होने को लेकर हर तरफ घमासान छिड़ा है। एक ओर जहां इस पर सियासत गरमाई हुई तो वहीं दूसरी ओर बहुत से लोगों में खौफ भी भरा हुआ है। इस बीच शहाबुद्दीन को दोहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा देने वाले जज ने सीवान से अपना ट्रांसफर करवा लिया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज (ADJ) अजय कुमार श्रीवास्तव ने शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के दो दिन बाद ही सीवान छोड़ दिया। उन्होंने हाई कोर्ट को खुद ही पत्र लिखकर ट्रांसफर की मांग की थी, जिसके बाद उन्हें उसी पद पर पटना ट्रांसफर कर दिया गया। हालांकि पत्र में ट्रांसफर के पीछे वजह क्या दी गई है यह स्पष्ट नहीं हो सका है। नीतीश सरकार ने जस्टिस को सुरक्षा प्रदान की है।
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स्पेशल
कोर्ट
ने
सुनाई
थी
सजा
बता
दें
कि
शहाबुद्दीन
को
7
सितंबर
को
जमानत
मिली
थी
और
वह
10
सितंबर
को
जेल
से
रिहा
हुए
थे।
वहीं,
जस्टिस
श्रीवास्तव
को
9
सितंबर
को
पटना
ट्रांसफर
कर
दिया
गया
था।
वह
सीवान
में
शहाबुद्दीन
मामले
की
सुनवाई
के
लिए
बनाई
गई
स्पेशल
कोर्ट
के
प्रमुख
थे।
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तेजाब
से
नहलाकर
की
थी
हत्या
बीते
साल
11
दिसंबर
को
कोर्ट
ने
शहाबुद्दीन
को
दो
भाइयों
की
हत्या
के
आरोप
में
दोषी
ठहराते
हुए
उम्रकैद
की
सजा
सुनाई
थी।
शहाबुद्दीन
पर
सतीश
राज
और
गिरीश
राज
नाम
के
दो
भाइयों
की
हत्या
का
आरोप
था।
दोनों
को
अगस्त
2004
में
शहाबुद्दीन
के
गांव
प्रतापपुर
में
तेजाब
से
जलाकर
मारा
गया
था।
हत्या
के
गवाह
और
मृतकों
के
भाई
राजीव
रोशन
को
भी
16
जून
2014
में
मार
डाला
गया
था।
इसके
तीन
दिन
बाद
ही
वह
कोर्ट
में
बयान
देने
वाला
था।
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सीवान
में
शहाबुद्दीन
का
खौफ
जेडीयू
के
प्रवक्ता
अजय
आलोक
ने
कहा
कि
शहाबुद्दीन
की
रिहाई
के
साथ
ही
सीवान
के
लोगों
में
खौफ
देखा
जा
रहा
है।
उन्होंने
सीवान
प्रशासन
की
ओर
से
राज्य
सरकार
को
भेजी
गई
रिपोर्ट
का
हवाला
देते
हुए
कहा
कि
शहाबुद्दीन
की
रिहाई
के
बाद
से
अब
तक
करीब
20
लोगों
को
सुरक्षा
प्रदान
की
जा
चुकी
है।
पीड़ित
परिवार
की
सुरक्षा
बढ़ाई
गई
सीवान
पुलिस
ने
मारे
गए
तीनों
युवकों
के
परिजनों
को
की
सुरक्षा
बढ़ा
दी
है
साथ
ही
पत्रकार
राजदेव
रंजन
के
परिवार
को
भी
सुरक्षा
प्रदान
की
है।
राजदेव
की
हत्या
में
भी
शहाबुद्दीन
का
हाथ
माना
जा
रहा
है।