बिहार में ‘महागठबंधन की सरकार’, ललन सिंह ने मंझधार में फंसे नीतीश की नैय्या लगाई पार !
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज़ है कि आरसीपी सिंह जदयू को तोड़ना चाह रहे थे लेकिन ललन सिंह ने सब को एकजुट रखते हुए पार्टी की मज़बूती बनाए रखी।
पटना, 11 अगस्त 2022। बिहार में अब महागठबंधन की सरकार बन चुकी है। बीच मंचधार में फंसे नीतीश कुमार की नैय्या पर कराने में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की अहम भूमिका रही है। नीतीश कुमार के दाहिना हाथ कहे जाने वाले आरसीपी सिंह का जदयू से इस्तीफ़ा होने के बाद लग रहा था, कि पार्टी टूट जाएगी लेकिन ललन सिंह ने कमान संभाली और सियासी घमासान के बाद भी नीतीश कुमार को सीएम का ताज पहना ही दिया। सियासी गलियारों में यह चर्चा थी कि आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के बहुत ही क़रीब है अगर उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ा तो जदयू का अस्तित्व ख़त्म हो जाएगा। वहीं ललन सिंह ने कहा कि क़रीबी होने के बावजूद आरसीपी सिंह भाजपा बिहार प्रभारी से मिलकर षडयंत्र रचते हुए जदयू को कमज़ोर कर रहे थे।
छुटभैया नेताओं की बयानबाज़ी ने बिगाड़ा माहौल- ललन सिंह
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज़ है कि आरसीपी सिंह जदयू को तोड़ना चाह रहे थे लेकिन ललन सिंह ने सब को एकजुट रखते हुए पार्टी की मज़बूती बनाए रखी। वहीं जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी भरोसे लायक पार्टी नहीं हैं। वह विश्वासघात करती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पूरी कोशिश थी कि एनडीए गठबंधन के साथ चलें लेकिन भाजपा के छुटभैया नेताओं की बयानबाज़ी की वजह यह नौबत आई।
‘भाजपा ने जदयू को तोड़ने की कोशिश की’
मीडिया से मुखातिब होते हुए ललन सिंह ने कहा कि एनडीए का गठन अटल बिहारी वाजपेयी और मुरली मनोहर जोशी जैसे लोगों ने किया था, उस वक्त राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में कोई भी परेशानी नहीं हुई, लेकिन एनडीए गठबंधन में आज क्या हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने जदयू को तोड़ने का काम किया है। हमने जब समर्थन का फ़ैसला किया था उसके बाद भी अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने हमारे विधायकों को तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि जदयू के सभी नेताओं की बैठक की गई थी। जिसमें विधायक, एमएलसी और सांसद शामिल हुए थे। पार्टी की बैठक में सभी के साथ चर्चा की गई जिसके बाद फ़ैसला लिया गया कि अब भाजपा के साथ नहीं रहना है।
ललन सिंह ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
जदयू की बैठक में सभी नेताओं ने कहा कि हम लोगों के संर्थन से ही 2020 के विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। लेकिन भाजपा ने जदयू के खिलाफ ही रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी। 2019 लोकसभा में जेडीयू की जरूरत भाजपा को थी, तो उस वक्त मदद हम लोगों ने मदद की। 2020 के चुनाव में भाजपा ने जदयू के ही एक नेता को अपनी पार्टी में मिला कर षड्यंत्र रचा गया। लोजपा से टिकट दिला कर जदयू को हराने का काम किया गया। 2005 के चुनाव का ज़िक्र करते हुए ललन सिंह ने कहा कि उस समय जदयू के पास भाजपा से ज़्यादा विधायक थे। 2010 के चुनाव में जदयू के पास 118 सीटें होने के बाद भाजपा को बराबर की इज़्ज़त दी। लेकिन आज एनडीए के हालात बदल गए हैं, देश में तनाव पैदा करने से विकास नहीं होता है।
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