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बिहार: नम आंखो से दी गई शहीद चितरंजन कुमार को विदाई, जिस स्कूल में पढ़े थे, वहीं दिया गया गॉर्ड ऑफ ऑनर

झारखंड के चतरा स्थित बूढ़ा पहाड़ी में बीते 16 तारीख़ सेना के जवान को गोली लगी थी। नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान जवान चितरंजन कुमार ज़ख्मी हो गए थे। इलाज के लिए रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया था।

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नालंदा, 22 सितंबर 2022। बिहार के लाल चितरंजन कुमार नक्सलियों से लोहा लेते हुए ज़ख्मी हो गए थे। रांची के रिम्स इलाज के लिए भर्ती करवाया गया जहां वह ज़िंदगी की जंग हार गए। शहीद चितरंजन कुमार का पार्थिव शरीर सेना की हेलीकॉप्टर से आज राजगीर के हॉकी मैदान लाया गया। इस दौरान जिले के आलाधिकारी डीएम शशांक शुभंकर, एसपी अशोक मिश्रा, सांसद कौशलेंद्र कुमार, राजगीर विधायक कौशल किशोर सहित परिवार एवं सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए।

पैतृक गांव लाया गया शहीद जवान का पार्थिव शरीर

पैतृक गांव लाया गया शहीद जवान का पार्थिव शरीर

शहीद चितरंजन कुमार का पार्थिव शरीर हॉकी मैदान पहुंचते ही ग्रामीणों ने शहीद जवान अमर रहे के नारे लगाए। हॉकी मैदान में शहीद चितरंजन कुमार की शव यात्रा पैतृक गांव राजगीर के चकपर के लिए रवाना हुई। शहीद जवान चितरंजन कुमार का पार्थिव शरीर पैतृक गांव चकपर पहुंचने के बाद कई गणमान्य हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी। मंत्री श्रवण कुमार, जमुई सांसद चिराग पासवान, डीजीपी संजय कुमार सहित हज़ारों की तादाद में लोग मौजूद रहे।

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शहीद चितरंजन कुमार का पार्थिव शरीर लाया गया पैतृक गांव चकपर
बिहार का बेटा शहीद होने से पसरा मातम

बिहार का बेटा शहीद होने से पसरा मातम

बिहार का बेटा शहीद होने के शोक में गांव में मातम पसरा है, किसी भी परिवार में चूल्हा नहीं जला है। ग्रामीणों नम आंखों से शहीद चितरंजन कुमार को विदाई दी। ग्रामीणों ने बताया कि 5 भाई-बहनों में चितरंजन कुमार (शहीद जवान) ही सबसे बड़े और कमाऊ थे। साल 2014 में उन्हों नौकरी लगी थी और 2016 में शादी हुई थी। उन्हे दो बच्चे, एक बेटा और एक बेटी है।

नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान हुए थे ज़ख्मी

नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान हुए थे ज़ख्मी

शहीद जवान चितरंजन कुमार के पिता पेशे किसान हैं। उनके दो भाई भी पढ़ाई करने के साथ-साथ पिता का हाथ भी बंटाते हैं। आपको बता दें कि झारखंड के चतरा स्थित बूढ़ा पहाड़ी में बीते 16 तारीख़ सेना के जवान को गोली लगी थी। नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान जवान चितरंजन कुमार ज़ख्मी हो गए थे। इलाज के लिए रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया था, जहां देर रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। आज उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव चकपर (राजगीर) लाया गया। जिस स्कूल में उन्होंने माध्यमिक शिक्षा लिया था वहीं, उसके पार्थिव शरीर को रख कर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

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English summary
indian army chitranjan kumar funeral chakpar village rajgir nalanda
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