अमरीशपूरी ने बनाई देश की सबसे बड़ी राखी, India Book Of Record में नाम दर्ज, पहले भी बना चुके हैं रिकॉर्ड
अमरीशपूरी ने 1 साल में लगातार 2 बार इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया है। इससे पहले उन्होंने 900 फीट की रंगोली बनाकर रिकॉर्ड अपने नाम किया था। अब उनके द्वारा बनाई गई राखी चर्चा का विषय बनी हुई है।
India Book Of Record: बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है, इस बात में कोई दो राय नहीं है। बिहार के लाल अपने अपने हुनर के ज़रिए प्रदेश का नाम रोशन करते आ रहे हैं। इसी कड़ी में हम आपको बिहार के एक और लाल अमरीशपूरी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने एक बार फिर प्रदेश का नाम रोशन किया है। अमरीशपूरी (अमरीश कुमार तिवारी) ने देश की सबसे बड़ी इको फ्रेंडली राखी बनाई है। 25 स्क्वायर फीट में बनाई गई राखी चर्चा का विषय बनी हुई है।
अमरीश कुमार तिवारी ने बनाई विशाल राखी
राखी बनाने में अमरीश ने काफी मेहनत की है, उन्होंने बताया कि 5×5 आकार का कार्टून कटिंग, 500 ग्राम नारियल की रस्सी, 250 ग्राम गेहूं, 250 ग्राम चावल, 250 ग्राम कच्चा रक्षा सूत्र, 6 खाने, एक बास का डलिया,15 गोलाकार नारियल रस्सी का गोटा, सभी तीन रंगों में रंगे हुए, इसके अलावा 500 ग्राम का फेविकोल का इस्तेमाल कर राखी बनाई गई है। राखी पर लगाई गई लाल रंग की एक पट्टी में सफेद रंग से महामृत्युंजय जाप का ज़िक्र किया गया है। राखी को बांधने के लिए दोनों तरफ़ 6 फीट का लम्बा रक्षा सूत्र लगाया गया ताकि विशाल पीपल पेड़ में आसानी से बांधा जा सके।
रिकॉर्ड बनने से प्रतिभा को पंख लगते हैं- ग्रामीण
डीएफओ ने देश की सबसे बड़ी राखी को विशाल पीपल के पेड़ से बांधा था। कैमूर जिले के भभुआ में पेड़ से राखी बांधने के बाद इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया गया था। उस आवेदन की पुष्टी करते हुए उसे मंज़ूर कर लिया है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड टीम के ज़रिए 2 दिसंबर 2022 को ईमेल के ज़रिए मिली है। इस रिकॉर्ड पर स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है। उनका कहना है कि इसी तरह के रिकॉर्ड से जिले को भी अलग पहचान मिलती है और प्रतिभा के धनी लोगों को मंज़िल तक पहुंचने का रास्ता भी मिलता है।
900 वर्ग फीट की बनाई थी रंगोली
अमरीशपूरी अपने हुनर का परचम लहराते रहे हैं, इससे पहले उन्होंने 900 वर्ग फीट की रंगोली बनाई थी। धान की भूसी से तीन रंगों बनाई रंगोली से रिकॉर्ड बना था। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अमरीशपूरी का नाम दर्ज हुआ था। अब अमरीशपूरी ने दोबारा राखी बनाकर इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड दर्ज करा लिया है। एक साल में लगातार दो बार रिकॉर्ड बनाने पर अमरीशपूरी के घर वाले काफी खुश हैं। वहीं ग्रामीण उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं।
सैंड आर्ट और रंगोली के जरिए जागरूकता अभियान
अमरीशपूरी ने बताया कि उनकी संस्था भी है जो कलाकृति मंच के जरिए समाज में जागरुकता फैलाने का कम करती है। करोना काल में भी कई जगहों पर सैंड आर्ट और रंगोली के जरिए जागरूकता अभियान चलाया गया था। उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेने के लिए हमेशा आगे रहता हूं। इसके साथ ही युवाओं को कला के क्षेत्र में निःशुल्क प्रशिक्षण भी देता हूं। अमरीशपूरी अपने आपको एक कला शिक्षक के रूप में देखना चाहते हैं। इसलिए वह इस तरह का काम करते रहते हैं। आपको बता दें कि अमरीशपूरी कला एवं शिल्प महविद्यालय पटना के अंतिम वर्ष के छात्र हैं। मूर्ति कला विभाग में शिक्षा हासिल कर रहे हैं।
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