Bihar: 'दर्द चाहे जितना भी हो, छाती तो तोड़ेंगे ही', पूर्व सांसद के बयान के निकाले जा रहे सियासी मायने
बिहार में बदले हुए सियासी समीकरणों के बीच राजनेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी कड़ी में पूर्व सांसद अरुण कुमार नें सीएम नीतीश कुमार पर फिर ज़ुबानी हमला बोला है।
पटना, 2 अगस्त 2022। बिहार में बदले हुए सियासी समीकरणों के बीच राजनेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी कड़ी में पूर्व सांसद अरुण कुमार नें सीएम नीतीश कुमार पर फिर ज़ुबानी हमला बोला है। इसके साथ ही जनता दल युनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन सिंह) को भी आड़े हाथों लिया है। पूर्व सांसद अरुण कुमार ने मीडिया से मुखातिब सनसनिखेज़ दावा किया है। उन्होंने कहा कि मैंने नीतीश सरकार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर बेनकाब करने की कोशिश की थी। बालिका गृह कांड से जुड़े कई सबूत मेरे पास मौजूद थे। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) की कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार के नेतृत्व को चुनौती भी दी थी।
'बालिका गृह कांड में मुझे ही फंसाने की साजिश रची गई'
अरुण कुमार ने कहा कि बालिका गृह कांड में मुझे ही फंसाने की साजिश रच दी गई थी। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि गृहकांड मामले में सीएम नीतीश कुमार के मंत्री को बिना वजह के ही घसीटा गया। जबकि ऐसे जघन्य कांड को सरकार के अधिकारी ही अंजाम दे रहे थे। वहीं उन्होंने 'छाती तोड़ने' वाली बयानबाज़ी सफ़ाई पेश करते हुए कहा कि उस बयान का मतलब अहंकार तोड़ने से था। 'छाती तोड़ने' वाले मेरे बयान को सियासी रंग देते हुए नीतीश कुमार ने राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। उन्होंन कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के साथ अन्याय कर रहे थे इसलिए उन्होंने वह बयानबाज़ी की थी।
नीतीश कुमार पर साधा निशाना
पूर्व सांसद अरुण कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मगध में बोलचाल की भाषा में लोग इस तरह के लफ़्ज़ों का इस्तेमाल करते हैं। अगर ऐसे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल करने पर फ़ासी की सज़ा भी होगी तो भी वह अपने शब्द बोलते रहेंगे। उन्होंने अपने तेवर को बरक़रार रखते हुए कहा कि 'दर्द चाहे जितना भी हो, छाती तो तोड़ेंगे ही'। वहीं उन्होंने बिना किसा का नाम लिए हुए कहा की नीतीश कुमार का 'शिखंडी' बहुत दर्द दे रहा है। मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह प्रदेश भर में नीतीश सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
नीतीश कुमार पर विवादित टिप्पणी का मामला
आपको बता दें कि पूर्व सांसद अरुण कुमार को सीएम नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ बयान बाज़ी करने की वजह से तीन साल की सज़ा सुनाई गई है। आपको बता दें कि विशेष अदालत (जहानाबाद) ने जून, 2015 के मामले में पूर्व सांसद को सज़ा सुनाई है। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ विवादित टिप्पणी मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के जज राकेश कुमार रजक ने शनिवार को अरुण कुमार को सज़ा सुनाई। साथ ही पूर्व रालोसपा सांसद अरुण कुमार पर 5 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगा।
फ़ैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील
पूर्व सांसद अरुण कुमार को फ़ैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने के लिएज़मानत पर रिहा कर दिया गया है। ग़ौरतलब है कि मधेपुरा के पूर्व लोकसभा सांसद पप्पू यादव को इस मामले में ठोस सुबूत नहीं होने की वजह से कोर्ट ने दोषमुक्त करार दियाहै। आपको बता दें कि मोकामा और बाढ़ क्षेत्रों में भूमिहारों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए अरुण कुमार ने बयानबाज़ी की थी। उन्होंने कहा था कि 'हमने चूड़ियां नहीं पहनी है, हमारे सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए सीएम का सीना तोड़ देंगे'। जदयू नेता चंद्रिका प्रसाद यादव ने इस मुद्दे पर आवाज़ उठाते हुए मामला दायर किया था।
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