बिहार: बच्चे ने CM नीतीश कुमार के सामने खोल दी शिक्षा और शराबबंदी की पोल, जमकर हो रही तारीफ़
बच्चे मन के सच्चे होते हैं यह बात आज सच साबित हो गई। नालंदा के हरनौत प्रखंड अंतर्गत नीमा कौल गांव के रहने वाले छात्र सोनू कुमार की बेबाकी की आज पूरे बिहार में तारीफ़ हो रही है।
पटना, 14 मई 2022। बच्चे मन के सच्चे होते हैं यह बात आज सच साबित हो गई। नालंदा के हरनौत प्रखंड अंतर्गत नीमा कौल गांव के रहने वाले छात्र सोनू कुमार की बेबाकी की आज पूरे बिहार में तारीफ़ हो रही है। दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पत्नी स्वर्गीय मंजू सिन्हा के 16वीं पुण्यतिथि के मौके पर कल्याण विगहा गांव पहुंचे थे। इस दौरान उत्क्रमित मध्य विद्यालय कल्याण विगहा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनसंवाद में लोगो की समस्याओं को सुन रहे थे। जनंवाद के दौरान 6 क्लास में पढ़ने वाला 11 वर्षीय सोनू अपना फ़रियाद लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंच गया। इसके बाद उसने बहुत ही बेबाकी से अपनी बातों को मुख्यमंत्री के सामने रखा। अब सोनू की बेबाकी लोग जमकर तारीफ़ कर रहे हैं।
जनसंवाद में फरियाद लेकर पहुंचा नन्हा छात्र
जनसंवाद में सोनू कुमार को देख कर वहां मौजूद सभी लोग हैरत में पड़ गए कि छोटा सा बच्चा किस मुद्दे पर बात मुख्यमंत्री से बात करेगा, लेकिन जब सोनू ने अपनी बात मुख्यमंत्री के पास रखी तो वहां मौजूद सभी लोग दंग रह गए। सोनू कुमार ने जन संवाद में सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर कड़वे सच को कहने का काम किया। सोनू कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने ही बिहार की बदहाली की पोल खोल कर दी। मुख्यमंत्री को उसने शिक्षा की बदहाली और शराबबंदी के मामले से अवगत करवाया।
बच्चे ने शिक्षा व्यवस्था की खोली पोल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सोनू ने बताया कि उसके पिता दही की दुकान से जो भी कमाते हैं, उसका इस्तेमाल शराब पीने में करते हैं। उसने कहा कि गरीब परिवार होने की वजह से नीमा कौल के मध्य विद्यालय में पढ़ाई करता हूं लेकिन विद्यालय के शिक्षक गुणवत्ता वाली शिक्षा नहीं देते हैं। सोनू कुमार के इस दावे से लोगों के होश उड़ गए। बच्चे की बात से जनसंवाद में हलचल मच गई। आपको बता दें कि सोनू कुमरा हरनौत प्रखण्ड के नीमा कौल गांव का रहने वाला है। उसके पिता रणविजय यादव दही की दुकान चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं।
बच्चों को पढ़ा कर निकालता है पढ़ाई का खर्च
बच्चे ने कहा अगर सरकार हमे मदद करे तो मैं भी पढ़ लिखकर आईएएस आईपीएस बनना चाहता हूं। सरकारी स्कूल में शिक्षा की स्थिति बद से बदतर है। ग़ौरतलब है कि सोनू कुमार खुद छठी कक्षा में पढ़कर 5 वी कक्षा तक के 40 बच्चो को पढ़ा कर अपनी पढ़ाई का खर्च निकालता है। सीएम नीतीश के आंखों में आंखे डालकर बच्चे ने शिक्षा की बदहाली और शराबबंदी को असफल बताने पर लोग जमकर उसकी तारीफ़ कर रहे हैं। क्योंकि सीएम नीतीश कुमार अपने हर भाषण में शराबबंदी और दुरुस्त शिक्षा व्यवस्था का गुणगाण करते नहीं थकते हैं।
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