पांच साल पहले CBI के हाथ लगा था लड़की का कंकाल, मामले में अब एक नेता गिरफ्तार
जांच के दौरान 26 नवंबर 2012 को नवरुणा के घर से सटे नाले की सफाई के दौरान एक मानव कंकाल बरामद किया गया। जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया और जांच के बाद ये पता चला कि कंकाल नवरुणा का ही है।
पटना। आज से 5 साल पहले एक लड़की का घर से अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड ने पूरे जिले के साथ-साथ राज्य को भी झकझोरकर रख दिया था। जिसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई मामले की जांच करने पहुंची। सीबीआई ने मामले की जांच-पड़ताल शुरू की और लड़की के कंकाल को उसके घर के पास नाले से बरामद कर लिया। जिसकी जांच की गई तो वो नवरुणा का कंकाल था। सीबीआई के द्वारा साढ़े तीन साल की छानबीन में पहली बार एक नेता को गिरफ्तार किया है। आपको बता दें कि चर्चित नवरुणा कांड में सीबीआई के द्वारा कल शाम बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के वॉर्ड पार्षद सह नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य राजेश कुमार उर्फ पप्पू को गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के मुताबिक पूछताछ के लिए सीबीआई के द्वारा पप्पू को पटना कार्यालय बुलाया गया था जहां काफी देर तक पूछताछ करने के बाद पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले की जांच-पड़ताल कर रहे सीबीआई अधिकारी रौनक कुमार मुजफ्फरपुर पप्पू के घर गए थे। जहां पूछताछ के लिए पटना सीबीआई कार्यालय आने का नोटिस दिया था।
नोटिस मिलने के बाद पप्पू अपने दोस्तों के साथ सीबीआई कार्यालय पहुंचे जहां अधिकारियों ने काफी देर तक उनसे बातचीत की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसा कहा जा रहा है कि सीबीआई अधिकारी उन्हें कुछ दिन की रिमांड पर ही ले सकते हैं। सूत्रों की माने तो जब सीबीआई अधिकारियों द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया तब अपनी तबियत खराब होने की बात बताई हई जहां डॉक्टरों के द्वारा उनकी जांच-पड़ताल की गई।
जानिए क्या था मामला...
जवाहरलाल रोड के चक्रवर्ती लेन में रहने वाले अतुल चक्रवर्ती की 12 साल की बेटी नवरुणा को 17 फरवरी 2012 की रात अपहरण कर लिया गया था। बेटी के अपहरण होने की लिखित शिकायत नजदीकी थाने में की गई और पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार तीनों लोगों में से अतुल चक्रवर्ती के रिश्तेदार सुदीप चक्रवर्ती और पड़ोसी बबलू और श्याम पटेल को पूछताछ कर जेल भेज दिया गया। जहां तीनों के खिलाफ चार्जशीट दर्ज की गई थी।
हालांकि लड़की के परिवार वाले लगातार पुलिस के खिलाफ आरोप लगा रहे थे और मामला काफी चर्चित हो रहा था। जिसे देखते हुए मामले की जांच सीआईडी को दे दी गई। CID मामले की जांच-पड़ताल कर ही रही थी कि इस मामले को 14 फरवरी 2014 को सीबीआई जांच के लिए सौंप दिया गया। इसके बाद सीबीआई अधिकारी मामले की जांच-पड़ताल करने में लग गए और आज नेता कि इस मामले में पहली गिरफ्तारी हुई है।
नवरुणा हत्याकांड में कब क्या-क्या हुआ...
19 सितंबर 2012 को मामले में FIR दर्ज कराने उसके परिजन थाने पहुंचे जहां अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। वहीं इस मामले को प्रेम प्रसंग से जोड़ते हुए अधिकारी जांच कर रहे थे। जांच के दौरान 26 नवंबर 2012 को नवरुणा के घर से सटे नाले की सफाई के दौरान एक मानव कंकाल बरामद किया गया। जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया और जांच के बाद ये पता चला कि कंकाल नवरुणा का ही है।
18 सितंबर 2013 को मामला काफी चर्चित होते देख बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। लेकिन सीबीआई अधिकारियों ने इसे जांच करने से मना कर दिया। फिर 25 नवंबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा मामले की सीबीआई जांच करने का आदेश जारी किया गया और 14 फरवरी 2014 को सीबीआई ने FIR दर्ज कर मामले की जांच-पड़ताल शुरू की। वहीं 13 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तीसरी बार 4 महीने का समय देते हुए मामले का पर्दाफाश करने का आदेश जारी किया था।
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