बिहार: सदर अस्पताल की ‘शर्मनाक तस्वीर’, इलाज के बाद बेड नहीं मिला तो बुज़ुर्ग को ज़मीन पर ही लिटाया
अस्तपताल कर्मियों पर कार्रवाई नहीं होने की वजह से स्वास्थ कर्मियों अपनी ड्यूटी में लगातार ढीलाई बरत रहे हैं। बिहार शरीफ सदर अस्पताल में आए दिन कोई न कोई घटना हो ही जाती है।
नालंदा,
29
अगस्त
2022।
बिहार
में
स्वास्थ्य
सेवाओं
के
सुधारने
के
लाख
दावे
तो
किए
जा
रहे
हैं
लेकिन
ज़मीन
हक़ीकत
बद
से
बदतर
हो
रही
है।
ताज़ा
मामला
मुख्यमंत्री
नीतीश
कुमार
के
गृह
क्षेत्र
नालंदा
का
एकमात्र
आईएसओ
प्रमाणित
बिहार
शरीफ
सदर
अस्पताल
का
है।
जहां
एक
बार
फिर
अस्पताल
के
कुव्यवस्था
की
पोल
खुलती
रहती
है।
इसके
बावजूद
कार्रवाई
कारवाई
के
नाम
पर
महज़
खानापूर्ति
कर
मामले
को
ठंडे
बस्ते
में
दबा
दिया
जा
रहा
है।
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अस्तपताल कर्मियों पर कार्रवाई नहीं होने की वजह से स्वास्थ कर्मियों अपनी ड्यूटी में लगातार ढीलाई बरत रहे हैं। बिहार शरीफ सदर अस्पताल में आए दिन कोई न कोई घटना हो ही जाती है, जिससे स्वास्थ व्यवस्थाओं को लेकर सरकार और उनके मंत्रियों के दावों की पोल खुल जाती है। मामला दीपनगर थाना क्षेत्र के मंडाच गांव का है, जहां रास्ते को लेकर हुए विवाद में गोतिया के लोगों ने बुज़ुर्ग दंपति की जमकर पिटाई की। पिटाई में जख्मी बुज़ुर्ग को इलाज के लिए 112 आपातकालीन सेवा द्वारा भर्ती कराया गया। बुजुर्ग रविंद्र पांडे को बुरी तरह से जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती करवाए गए लेकिन सदर अस्पताल में इलाज के बाद उन्हे बेड नसीब नहीं हुआ।
पीड़ित के परिजनों ने कहा की निजी क्लीनिक में इलाज के लिए पैसा नहीं है। इसलिए सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आए यहां भी बेड नहीं मिला तो ज़मीन पर ही लेट गए। बुज़ुर्ग को पैर में गंभीर चोट लगी है जिसकी वजह से वह चलने में असर्थ हैं इसलिए ही इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती करवाया है। वहीं बुजुर्ग को बेड नहीं मिलने के मामले में सदर अस्पताल के डीएस डॉ. रामानंद प्रसाद ने बताया कि यह तस्वीर बेहद शर्मनाक है। इस बात की जानकारी आपके ज़रिए से मिली है। मामले की जांच कर नियमुसार कार्रवाई की जाएगी। ग़ौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार अस्पताल की कु व्यवस्था की पोल खुल चुकी है। लेकिन उचित कार्रवाई कभी भी नहीं हुई।
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