VIRAL Video: कैदियों से मिलने के लिए 20 तो जमानत पर लिए जाते हैं 100 रुपये
नवादा। मंडल कारा नवादा में बंदियों को न्यायालय से जमानत मिलने पर मुक्त करने के एवज में परिजनों से रुपये वसूली का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ है। वीडियो कब का है यह तो साफ नहीं है, लेकिन नाजायज वसूली हो रही है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कारा का एक कर्मी जेल के बाहरी गेट पर बंदी को लेने आए परिजनों से रुपये वसूल रहा है। 6 मिनट के वीडियो में वह सबकुछ है जो भ्रष्टाचार की पूरी कहानी बयां करता है। एक महिला जहां 100 रुपये देते दिखती हैं तो कुछ 50 रुपये देने की बात कहते हैं। फिलहाल यह वीडियो जिले में चर्चा का विषय बन गया है। ऐसे में इसकी जांच की मांग जोर पकड़ने लगी है।
बता दें जिले में पिछले कुछ वर्षों में तीन दर्जन से अधिक पदाधिकारी व कर्मी रिश्वत लेते निगरानी के हत्थे चढ़ चुके हैं। बावजूद, भ्रष्टाचारी अफसरों व कर्मियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। रुपये लेते जेल कर्मी कौन हैं यह तो साफ नहीं हो सका है, लेकिन कुछ लोगों को कहना है कि प्रभारी सहायक कारा अधीक्षक सह लिपिक उमेश कुमार सिंह वसूली करते दिख रहे हैं। कई लोग मंडल कारा के गेट पर खड़े दिखते हैं। एक ओर मंडल कारा के कुछ कर्मी तो दूसरी ओर बंदी के परिजन। कई बंदियों के परिजन जेल गेट पर जामनत मिलने के बाद साथ लेने पहुंचे हैं। वहीं जेल कर्मी इस इंतजार में हैं कि कब बंदियों के परिजन पैसे देते हैं।
इस दौरान संवाद के कुछ अंश हैं कि देहो, वर निकासी करना है। वर निकासी शब्द का प्रयोग शादी विवाह के मौके पर होता है। इस दौरान एक महिला पहुंचती है और 100 रुपये थमाती है, पूछा जाता है कितना है। बताया जाता है 100 रुपये हैं। जेल कर्मी रुपये पॉकेट में रख लेते हैं, फिर बंदी का नाम पूछते हैं बताया जाता है कि मुकेश कुमार यादव। इसके बाद कोई साढू जी 50 रुपये देता है। हंसी मजाक का दौर भी चलता है। हम लोग लेताहर बनकर आए हैं, कोई कहता है कि वर निकासी कराने आए हैं, बारात जाना है। विलंब होता है तो लोग जल्दी निकासी का आग्रह करते हैं। इस प्रकार करीब 6 मिनट का रिकॅार्डिंग होता है, लेकिन मंडल कारा के कर्मी इससे पूरी तरह से बेफिक्र हैं कि कोई उनकी हरकतों की रिकॅार्डिंग भी कर रहा है।
वैसे यहां बता दें कि मंडल कारा में बंदियों से मुलाकाती का भी शुल्क तय है। अगर आपको किसी बंदी से मिलना है तो इसके लिए 20 रुपये देने होंगे। यह सब कोई नया सिस्टम नहीं है, बल्कि वर्षों से हो रहा है। कहते हैं अधिकारी इस प्रकार की कोई जानकारी हमें नहीं है। किसी ने शिकायत भी दर्ज नहीं कराई है। मामला संज्ञान में आया है तो मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।
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