बिहार के इस हेल्थ सेंटर पर ली मोदी, शाह, सोनिया और प्रियंका ने वैक्सीन, लिस्ट में नाम दर्ज, जानें पूरा मामला
पटना, 06 दिसंबर: एक तरफ कोरोना से बचाव के लिए देशभर में अधिक से अधिक कोरोना टीकाकरण पर फोकस किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ बिहार में वैक्सीनेशन के नाम पर भद्दा मजाक सामने आया है। पूरा देश जहां 'ओमिक्रॉन' के नए केस मिलने के बाद चिंता में हैं। वहीं बिहार के अरवल जिले में कोरोना की जांच के नाम पर लापरवाही बरती जा रही है। यहां जिले के करपी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण पोर्टल पर अपलोड की गई लिस्ट में कुछ ऐसे नाम सामने आया है, जिसको जानने के बाद आपके भी कान खड़े हो जाएंगे। जी हां, अरवल जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट और कोरोना वैक्सीनेशन के नाम पर करपी एपीएचसी में कोरोना वैक्सीन का खुराक लेने वालों में देश के पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ-साथ बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा जैसी कई बड़ी हस्तियों का नाम दर्ज हैं।
मोदी, शाह, सोनिया, प्रियंका और अक्षय का नाम
वैक्सीनेशन डेटा की लिस्ट का हाल ही में निरीक्षण करने के बाद दो कंप्यूटर ऑपरेटरों को निलंबित कर दिया गया है। वैक्सीनेशन लेने वालों की लिस्ट नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सोनिया गांधी, प्रियंका चोपड़ा और अक्षय कुमार सहित कई हस्तियों का नाम दिखाया गया है। इन लिस्ट के वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। जिला मजिस्ट्रेट जे प्रियदर्शिनी ने इस पूरे मामले पर कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि डेटा में धोखाधड़ी कैसे और किसके इशारे पर हुई है।
2 ऑपरेटरों को नौकरी से निकाला
जिलाधिकारी ने आगे कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मामला है। हम टेस्टिंग और टीकाकरण में तेजी लाने की बहुत कोशिश कर रहे हैं और फिर ऐसी लापरवाही हो रही हैं। इस मामले के बाद सिर्फ करपी में ही नहीं सभी स्वास्थ्य केंद्रों को देखा जाएगा। वहीं अधिकारी ने बताया हाल ही में एक जांच के दौरान गड़बड़ी का मामला मामला सामने आया था। इस पर एक्शन लेते हुए 2 ऑपरेटरों को हटा दिया गया है, लेकिन अब और केंद्रों की भी जांच होनी चाहिए।
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स्वास्थ्य प्रबंधक के दबाव के चलते किया कारनामा
इधर, कार्रवाई के बाद हटाए गए कंप्यूटर ऑपरेटरों ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने ऐसा स्वास्थ्य प्रबंधक के दबाव के चलते किया था। हटाए गए डेटा ऑपरेटर का नाम प्रवीण कुमार और विनय कुमार है, जानकारी के मुताबिक दोनों उर्मिला इंटरनेशनल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए भर्ती किए गए थे। इस गड़बड़ी के मामले में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने सफाई में कहा कि लिस्ट में नामों का घोटाला सामने आने के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों कंप्यूटर ऑपरेटरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है
टीकाकरण के काम पर सवालिया निशान
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैंने जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की है और उन्हें अस्पतालों के अन्य अस्पतालों के डेटा को देखने के लिए भी कहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई गलती तो नहीं है। यदि ऐसा है तो जिम्मेदार लोगों को कानून के अनुसार सजा मिलेगी। वहीं इस तरह के मामले ने अब और जगहों पर चल रही जांच और टीकाकरण के काम पर भी सवालिया निशान लगा दिया हैं। ऐसे में अब देखने होगा कि सरकार इस फर्जीवाड़े से पर्दा उठाने के लिए क्या बड़ा कदम उठाती है।
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