बिहार के एक सीनियर IAS अधिकारी भगोड़ा घोषित, जानिए मामला...
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने एक नोटिस के माध्यम से इसे विज्ञापन के रूप में प्रकाशित कराने और उन्हें एक महीने के भीतर हाजिर होने का आदेश दिया है। नोटिस उनके खगड़िया स्थित पैतृक आवासीय पते पर जारी किया गया है।
पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग के प्रश्न पत्र लीक मामले में मुख्य आरोपी IAS अधिकारी सीके अनिल को एक दूसरे मामले में हाईकोर्ट ने भगोड़ा घोषित करते हुए एक नोटिस जारी की है। साथ ही नोटिस में ये कहा गया है कि वो एक महीने के भीतर कोर्ट में हाजिर हो नहीं तो उनके ऊपर एक तरफा मामला चलाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने एक नोटिस के माध्यम से इसे विज्ञापन के रूप में प्रकाशित कराने और उन्हें एक महीने के भीतर हाजिर होने का आदेश दिया है। नोटिस उनके खगड़िया स्थित पैतृक आवासीय पते पर जारी किया गया है। जिससे उनको ये जानकारी उनके परिजनों के से मिल जाए। साथ ही इस नोटिस में ये स्पष्ट रुप से कहा गया है कि 1 महीने के भीतर वो स्वयं या अपने किसी एडवोकेट के माध्यम से इस केस में हाजिर नहीं होते हैं तो उनके ऊपर एक तरफा सुनवाई कर निर्णय दे दिया जाएगा। उन्हें 14 नवंबर 2017 तक कोर्ट में हाजिर होने की मोहल्लत दी गई है। इस नोटिस में आईएएस अधिकारी सीके अनिल का पद सलाहकार, बिहार राज्य प्लानिंग बोर्ड दिखाया गया है। क्योंकि इनकी मुख्य रूप से पदस्थापना इसी पद पर होना है।
आपको बता दें कि आज से 8 महीने पहले तत्कालीन गृह विभाग के प्रधान सचिव अफजल अमानुल्लाह के खिलाफ फाइल में सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग करने के साथ-साथ अन्य सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद अफजल अमानुल्लाह ने इस मामले को लेकर ऊपर मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया और मामला न्यायालय में चला गया, तब से कई बार उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने के लिए समन जारी किया जा चुका है लेकिन वो कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। बार-बार कोर्ट के भेजे जा रहे नोटिस पर कोई जवाब नहीं मिलने के कारण इस बार हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया और उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया। फिर भी वो अब तक इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर नहीं हुए। इसके साथ-साथ बीएसएससी में ओएसडी के पद पर अतिरिक्त प्रभार रहने के दौरान प्रश्नपत्र लीक मामले में उनकी भूमिका बेहद संदिग्ध मानी गई थी।
इस मामले में भी कोर्ट ने उन्हें समन जारी करते हुए बुलाया था पर वो एक बार भी उपस्थित नहीं हुए। वहीं सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से भी उन्हें उपस्थित होने का आदेश कई बार जारी किया जा चुका है, लेकिन अब तक उनका अता-पता नहीं है। आज से कुछ महीने पहले अचानक वो सोशल मीडिया के माध्यम से ये बताया था कि वो बीमार है और मेडिकल कारणों से अपनी छुट्टी बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनकी छुट्टी पर विभाग में कोई सुनवाई नहीं की गई।
उनके ऊपर पेपर लीक मामले में भी संगीन आरोप लगाए गए हैं, जिसमें ये आरोप लगाया गया था कि सीके अनिल बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार के कमरे में घुसकर उन्होंने उनके निजी कंप्यूटर के साथ छेड़छाड़ किया और कई अहम तथ्यों को हटा दिया था। पिछले सात-आठ महीनों से वो कहीं फरार हैं और उनका कुछ अता-पता नहीं चल रहा है, इसी को देखते हुए कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित करते हुए 1 महीने की मोहलत दी है और अगर एक महीने के भीतर वो कोर्ट में हाजिर नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप में एक तरफा फैसला सुनाया जाएगा।