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रोजगार के नाम पर करोड़ों के घोटाले की आशंका ! कोर्ट ने सेडमैप के कार्यवाहक संचालक की नियुक्ति को बताया अपात्र

सेडमैप में हुई अपात्र नियुक्ति और भ्रष्टाचार को लेकर जनहित में याचिका दायर की गई थी,जिसमे हाईकोर्ट ने उच्च स्तरीय जांच के बाद सेडमैप के कार्यवाहक संचालक के पद पर अनुराधा सिंघाई की नियुक्ति को अपात्र माना है।

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भोपाल 28 मई। ईओडब्ल्यू,लोकायुक्त के खिलाफ जनहित में दायर हुई याचिका पर उच्च न्ययालय ने सुनवाई करते हुए सेडमैप के कार्यवाहक संचालक के पद पर अनुराधा सिंघाई की नियुक्ति को अपात्र माना है। बता दे विभाग में करोडों के घोटालें की जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमे हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने मप्र की स्टार्टअप पॉलिसी का लोकार्पण किया गया था।

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रोजगार के नाम पर बेरोजगारों से लाखों की ठगी

पूरे मामले को नीचे विस्तार से जाने

जनहित याचिका पर फैसला

जनहित याचिका पर फैसला

मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर की डबल बेंच पर जस्टिस वीरेंद्र सिंह व जस्टिस प्रकाश चंद्र गुप्ता ने Whistleblower वरिष्ठ पत्रकार अनम इब्राहिम के द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर फैसला सुनाया। यह जनहितैषी याचिका EOW, लोकायुक्त, मप्र सरकार, मुख्य सचिव, MSME विभाग, पंचायत राज, सेडमैपएवं आईएएस विवेक कुमार पोरवाल और अपात्र सेडमैप कार्यवाहक संचालक अनुराधा सिंघाई के खिलाफ में दायर की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर सेअधिवक्ता मनीष दत्त ने बहस की और अधिवक्ता मनीष कुमार तिवारी ने इस याचिका को उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष पेश किया। जनहित में दायर इस याचिका में आरोप था कि सेडमैप के माध्यम से लघु उद्योग व पंचायत राज के नाम पर करोड़ो का भ्रष्टाचार करने की नियत से CEDMAP के कार्यवाहक संचालक के पद पर अपात्र व्यक्ति की नियुक्ति की गई है।

रोजगार के नाम पर योजनाओं का दुरुपयोग कर ठगी का आरोप

रोजगार के नाम पर योजनाओं का दुरुपयोग कर ठगी का आरोप

रोज़गार के नाम पर केंद्र व राज्य की सैकड़ो योजनाओं का दुरुपयोग कर प्रदेश के तकरीबन 2 लाख बेरोजगार युवाओं को नौकरी के नाम पर ठगा गया है। जिसकी शिकायत विसलब्लोअर अनम इब्राहिम ने साक्ष्यों के साथ अधिकारियों व आर्थिक अपराध शाखा मप्र एवं लोकायुक्त में भी शिकायत की गई थी। परंतु उच्च स्तरीय अफसरों केचलते करोड़ो के चल रहे भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्ति से पर्दा नही उठ पाया।जिस कारण यह जनहित याचिका उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर की गई थीं जिसकी सुनवाई हाई कोर्ट के युगल
पीठ पर हुई।

ईओडब्लू और लोकायुक्त की तरफ से अधिवक्ताओं ने किया था काउंटर

ईओडब्लू और लोकायुक्त की तरफ से अधिवक्ताओं ने किया था काउंटर

EOW व लोकायुक्त की तरफ से अधिवक्ता अभिजीत अवस्थी व श्मधुर शुक्ला ने काउंटर करते हुए याचिका को खारिज करने की न्यायालय से अपील की थी,परन्तु पर्याप्त साक्ष्य का अवलोकन करने के उपरांत दोनों न्यायधीशों ने याचिका को खारिज न करते हुए करोड़ो के घोटाले की जांच के आदेश सरकार को समय सीमा के अंतर्गत करने के लिए जारी किए ।

ईओडब्ल्यू समय सीमा में करें सेडमैप में घोटाले की शिकायत पर जांच

ईओडब्ल्यू समय सीमा में करें सेडमैप में घोटाले की शिकायत पर जांच

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने (EOW) आर्थिक अपराध शाखा को निर्देश दिए हैं कि सेडमैप (सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट मप्र) में घोटाले की याचिकाकर्ता की शिकायत पर निर्धारित समय में जांच की जाए। इसके बाद कोर्ट ने जांच में सेडमैप के कार्यवाहक संचालक के पद पर अनुराधा सिंघाई गई की नियुक्ति को अपात्र है।

बता दे याचिकाकर्ता ने सांसों के साथ इस मामले की संबंधित अधिकारियों के समक्ष आर्थिक अपराध शाखा मध्य प्रदेश एवं लोकायुक्त में भी शिकायत की थी। परंतु उच्च स्तरीय अफसरों के दमखम के चलते करोड़ों के भ्रष्टाचार और विधि विरुद्ध की गई नियुक्ति से पर्दा नहीं उठ पाया। इस वजह से जनहित याचिका दायर की गई थी।

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English summary
The court told the appointment of the acting operator of SEDMAP ineligible, there is a possibility of crores of scam in the name of employment!
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