कुपोषण से जंग लड़ने प्रशासन ने की अनोखी पहल, स्व-सहायता समूह की महिलाएं तैयार कर रही 1.26 लाख मुनगा के पौधे
रीवा, 30 अगस्त। जिले में 1 लाख 26 हजार मुनगे के पौधों का रोपण किया गया है। जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश डे-राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्वसहायता समूह के सदस्यों द्वारा पर्यावरण और कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से पहल की गई है। दावा है कि उद्यान विभाग और मनरेगा के समन्वय से स्वसहायता समूहों द्वारा रीवा जिले में रौसर और सेंहुड़ा की नर्सरी तैयार की है। इसके अलावा अन्य नर्सरी में तैयार पौधे 1 साल में फल देने लगेंगे।
मुनगा में रोग प्रतिरोधक क्षमता
बताते चलें कि मुनगा औषधीय गुण होने के कारण कई तरह की बीमारियों की दूर करने में फायदेमंद होता है। मुनगे के पौधों में कुपोषण दूर करने के गुण पाये जाते हैं। यह कई तरह की बीमारियों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। इसके फल, फूल के पौधे एवं पत्तियां भी खाने के उपयोग में लायी जाती हैं।
विटामिन सी, ए और कैल्शियम भी पाया जाता है
मुनगा
मुख्य
रूप
से
विटामिन
सी,
ए
और
कैल्शियम
भी
पाया
जाता
है।
इसके
अतिरिक्त
इसमें
आयरन,
पोटेशियम
एवं
जिंक,
मैग्नीशियम,
जैसे
तत्व
भी
पाये
जाते
हैं।
इसकी
सब्जी
डायबिटीज
के
रोगियों
हेतु
बहुत
फायदेमंद
होती
है।
मुनगा
का
पौधा
सेहत
के
लिये
वरदान
माना
जाता
है।
इसी
उद्देश्य
के
साथ
प्रत्येक
समूह
सदस्यों
के
यहां
पौधे
लगाने
के
साथ
अंकुर
एप
में
भी
अपलोड
किया
जा
रहा
है।
डीएम कर रहे मॉनीटरिंग
पौधरोपण कार्यक्रम में डीएम मनोज पुष्प द्वारा लगातार मॉनीटर की जा रही है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े द्वारा विकासखण्ड में व्यक्तिगत और पैच प्लांटेसन की प्रक्रिया को किये जाने हेतु वृक्षारोपण पर निरंतर जोर दिया गया है। एनआरएलएम के जिला प्रबंधक अजय सिंह ने जानकारी दी कि अभी भी वृक्षारोपण का कार्य बारिश को देखते हुए किये जाने की संभावना है।
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