MP Latest News : मध्यप्रदेश के अन्य शहरों में भी लागू हो सकता है पुलिस कमिश्नर सिस्टम
एमपी में 9 दिसंबर को भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को पूरे 1 साल हो गए हैं। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस को एक नई पहचान मिली है।
मध्यप्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली भले ही पूरी तरह से 2 जिलों में सफल नहीं हुई हो, लेकिन सरकार अब इसे प्रदेश के अन्य शहरों में भी लागू करने की तैयारी में दिखाई दे रही है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस बात के संकेत दिए हैं कि भोपाल, इंदौर के अलावा जल्द ही अन्य शहरों में भी कमिश्नर सिस्टम लागू किया जा सकता है। रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की जाएगी। उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस सायबर अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। भोपाल और इंदौर में सायबर ठगी के शिकार लोगों को न्याय दिलाने में हम सफल हुए हैं। साथ ही नवाचार के कारण फरार मुजरिमों के प्रकरणों पर भी प्रभावी अंकुश लगा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पुलिस बल और संसाधनों के विस्तार को लेकर हम संकल्पित हैं। प्रदेश सरकार जो एक लाख भर्ती कर रही है, उसमे पुलिस प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे चयनित युवाओं को प्राथमिकता के साथ प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। यह भी हर्ष का विषय है कि पुलिस भर्ती का दूसरा चक्र भी प्रारंभ हों गया है।
भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को पूरे हुए 1 साल
बता दे 9 दिसंबर को भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को पूरे 1 साल हो गए हैं। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस को एक नई पहचान मिली है। अपराधों की रोकथाम के साथ ही पुलिस थानों पर शुरू किए गए नवाचारों से पुलिस के आचरण को लेकर भी जनता की सोच में बदलाव आया है। गृहमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद भोपाल में साइबर क्राइम में पुलिस ने जबरदस्त काम किया। भोपाल पुलिस ने एक करोड़ 14 लाख रुपए वापस कराएं।
कांग्रेस विधायक ने सवाल खड़े किए
वहीं पूर्व कानून मंत्री और वर्तमान कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम के 1 साल पूरे होने पर कहा कि जिस तरीके से सिस्टम को हैंडल किया गया है उसमें कमिश्नर सिस्टम ठीक तरह से काम नहीं कर पाया। थानों में भाजपा के नेताओं ने आते चेक किया कई थानों के थानेदार छोड़ कर चले गए यह भोपाल और इंदौर दोनों ही जिलों की स्थिति है पुलिस चाहे भी तो अपराध दर कम नहीं कर पाई महिलाओं पर अत्याचार बढ़े भोपाल और आसपास के जिलों में बच्चों का अपहरण हुआ रोटी के लिए हत्याएं हुई। देखा जाए तो पुलिस कमिश्नर प्रणाली से भोपाल और इंदौर में चारों तरफ अपराध बढ़ा है। बीजेपी के दावे पूरी तरह से झूठे हैं अगर इस प्रणाली को सफल बनाना है, तो नेताओं के हस्तक्षेप को थाने के अंदर कम करना होगा।