MP News : किसानों को अब नगद में मिलेगी खाद, 6 जिलों में होगी ये व्यवस्था, प्रमुख सचिव ने कलेक्टरों को दिए आदेश
शिवराज सरकार ने कमजोर वित्तीय स्थिति वाले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को और कालातीत समितियों के नियमित किसानों को नगद में खाद को बेचने का फैसला किया है।
भोपाल,14 अक्टूबर। प्रदेश में किसानों को खाद मिलने में हो रही परेशानी को देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान कई बार अधिकारियों को खाद की व्यवस्था करने को लेकर निर्देश दे चुके हैं। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने कमजोर वित्तीय स्थिति वाले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को और कालातीत समितियों के नियमित किसानों को नगद में खाद को बेचने का फैसला किया है। सहकारिता विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए है कि नियमित सदस्यों के साथ-साथ समय पर ऋण ना चुकाने वाले कालातीत सदस्यों को भी नगद में खादी जाए। ये व्यवस्था केवल ग्वालियर,शिवपुरी,गुना,अशोकनगर नर्मदा पुरम और हरदा जिले में रबी सीजन 2022-23 की शेष अवधि के लिए लागू होगी।
सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव केसी गुप्ता ने गुरुवार को कलेक्टर को या निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि कमजोर वित्तीय स्थिति वाले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और कालातीत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के नियमित किसानों को नगद में खाद देने का फैसला किया गया है।
दरअसल राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) से खाद लेने के बाद राशि ना देने के कारण समितियां कालातीत हो गई हैं। इन्हें खाद नहीं मिलने के कारण किसानों को परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए सरकार ने मार्कफेड से उधार में खाद दिलाने का निर्णय लिया था। इसके बाद भी मार्कफेड के नगद विक्रय केंद्रों पर लग रही किसानों की भीड़ को देखते हुए नगद में खाद का वितरण करने का निर्णय लिया गया है।
सर्वे कराकर किसानों को फसल की क्षति का मुआवजा दे सरकार : कमलनाथ
वहीं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश से सोयाबीन उड़द, मूंग, धान ज्वार, बाजरा, तिल सहित अन्य फसलों के नुकसान हो जाने पर सरकार से सर्वे के लिए मांग की है। अब तेरा जल विभाग की ओर से सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है। इसके कारण मुआवजा भी नहीं मिल पा रहा है किसान परेशान हैं उन्हें रवि फसलों की बोवनी के लिए खेत तैयार करने के साथ अन्य व्यवस्थाएं करनी है। कमलनाथ की मांग की है कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर सर्वे कराकर किसानों को फसल क्षतिपूर्ति दे।