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स्वदेशी पर्यटकों की पहली पसंद मैहर व चित्रकूट, इसके बाद भी उपेक्षित

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सतना, 4 जून: धर्मनगरी मैहर और चित्रकूट पर्यटकों की पहली पसंद रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि पर्यटन विभाग के द्वारा जारी किए गए आंकड़े बता रहे हैं। हाल ही में पर्यटन विभाग के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में यह साफ तौर पर बताया गया है कि कोरोना काल के बाद मध्यप्रदेश आने वाले स्वदेशी पर्यटकों की पहली पसंद मां शारदा धाम मैहर व चित्रकूट रहे हैं। वर्ष 2021 में प्रदेश में लगभग ढाई करोड़ दर्शनार्थी सिर्फ मैहर व चित्रकूट आये।

Maihar man Sharda

मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने जारी बयान में कहा

विंध्य के यह दोनों प्रमुख धार्मिक स्थल पर्यटकों की पहली पसंद है। लेकिन दुर्भाग्य है कि यह दोनों धार्मिक क्षेत्र सुविधाओं की दृष्टि से काफी पीछे हैं। मां शारदा का धाम मैहर जहां आल्हा को अमरता का वरदान मिला, जिसके प्रमाण आज भी प्रतिदिन मिलते हैं सरकारी व्यवस्थाओं का शिकार है। यहां आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिले व वे व्यवस्थित दर्शन कर सके ऐसी व्यवस्था बनाने में सरकारी तंत्र विफल रहा है। कामतानाथ स्वामी का धाम चित्रकूट जहां श्री राम ने तपस्या की, ऋषि मुनियों व यज्ञ की रक्षा कर धर्म की स्थापना की, राक्षसों का संघार किया, जहां श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम बने, जहां तुलसीदास जी ने महा ग्रंथ की रचना की, जहां कण-कण में श्रीराम विद्यमान है वह पूरा क्षेत्र भी विकास से दूर अव्यवस्था का शिकार है। चित्रकूट में भी यात्री सुविधाओं का भारी अभाव है व्याप्त आज सुविधाओं के बावजूद भी बड़ी संख्या में पर्यटकों की आवाजाही विंध्य के लिए गौरव का विषय है। वहीं सरकार को यहां के सुव्यवस्थित विकास व यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी को लेकर योजना बनानी चाहिए इस मामले में भी विंध्य प्रदेश की उपेक्षा यहां की जनता सहन नहीं कर पाएगी विंध्य की उपेक्षा के मामले में यहां के नेताओं का मान भी चिंताजनक है।

Vidhayak Narayan Tripathi

विंध्य के विकास की चिंता भी सरकार को करनी होगी

मैहर व चित्रकूट को भी भव्यतम बनाने का काम हो, यहां के धार्मिक स्थलों का व्यवस्थित विकास हो ताकि धार्मिक पर्यटक यहां सुविधाजनक यात्रा भ्रमण व दर्शन कर सकें। जिस चित्रकूट में भगवान श्री राम ने वनवास काल का सर्वाधिक समय बिताया उस धरती में श्री राम की वनवासी स्वरूप में देश की सबसे बड़ी व भव्य मूर्ति स्थापित हो ऐसी विंध्य जनों आकांक्षा व अपेक्षा है। देश व प्रदेश की सरकार को चाहिए कि अयोध्या व महाकाल मंदिर उज्जैन की भांति आविवादित धार्मिक स्थल चित्रकूट व मैहर को बेहतर व व्यवस्थित व सुविधाजनक बनाने की विस्तृत योजना बनाकर शीघ्र अमल हो ताकि स्वदेशी पर्यटक- श्रद्धालु व सनातन धर्मी भगवान राम की तपोभूमि व माता सरस्वती के धाम मैहर बार-बार आकर अपनी श्रद्धा व आस्था को जीवंत रख सकेंगे

Chitrkut kamtanath Swami

यह दोनों पर्यटक विकास से कोसों दूर

इतनी बड़ी संख्या में पर्यटक आने के बावजूद भी ये दोनों स्तन सरकारी विकासगाथा से कोसों दूर है, पर्यटक सुविधाओं के अभाव से जूझते विकास की बाट देख रहे हैं। जब मेहर को जिला बनाने की बात आई तो हमारी ही सरकार ने प्रस्ताव को निरस्त किया। जब विंध्य प्रदेश के पूरे निर्माण की बात करता हूं तो मुझे बागी कहा जाता है। आखिर सरकारी कब तक विंध्य प्रदेश की उपेक्षा करती रहेगी, कब तक देश के लोगों की आस्था के केंद्र मैहर व चित्रकूट इसी तरह उपेक्षा का दंश झेल लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी जी व प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से विंध्य प्रदेश के साथ न्याय करते हुए देश के हिंदू जनमानस के आस्था केंद्र चित्रकूट, मैहर अमरकंटक को सुंदर भव्य स्वरूप देते हुए विश्व पटल पर स्थापित करने की बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मांग की है।

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English summary
Maihar and Chitrakoot first choice of indigenous tourists, neglected even after this
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